Parenting Mistakes: बच्चों का बचपन मिट्टी की तरह होता है, जिस तरह से मिट्टी से घड़ा बनाया जाता हैं और जिस भी आकर का हम घड़ा बनाना चाहते हैं घड़ा वैसा ही बन जाता है। ठीक उसी प्रकार बच्चों का बचपन भी कच्चे घड़े की तरह होता है, जिस भी तरह माता-पिता उस घड़े को आकार देते हैं, वह वैसा ही बन जाता है।
इसलिए बच्चों की परवरिश में माता-पिता का अहम रोल होता है। हर माता-पिता की यही ख्वाहिश होती है, कि उनका बच्चा जीवन में खूब आगे बढ़े, खूब तरक्की करें और अच्छे-अच्छे संस्कार सीखें। बच्चों की परवरिश में कई बार हम अनजाने में कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जो उनके व्यवहार पर असर डालते है।
बच्चों की बातों को नजरअंदाज ना करें
माता-पिता के लिए जरूरी है कि वह अपने बच्चों की बातों को सुनें और समझे। कई बार माता-पिता अपने बच्चों को छोटा समझकर उनकी बातों को नजरअंदाज कर देते हैं, जो कि हमेशा सही नहीं माना जाता है। ऐसे में बच्चों को लगता है कि उनकी बातें मायने नहीं रखती हैं और वह इस तरह से जिद्दी बन जाते हैं।
हर चीज के लिए हां ना कहें
कई बार माता-पिता बच्चों के प्यार में अंधे होकर उनकी हर जिद को पूरा करने लगते हैं। लेकिन बच्चों की हर जिद को पूरा करना सही नहीं होता है। अगर हम ऐसे ही हर बार उनकी मांगों को पूरा करते रहेंगे , तो ऐसे में उनकी जिद और बढ़ती जाएगी।
इस तरह सिखाएं अनुशासन
न सिर्फ बच्चे बल्कि सभी के जीवन में अनुशासन बहुत जरूरी होता है। बच्चों के अंदर अनुशासन की आदत डालना माता-पिता के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है। कई बार बच्चे अपनी हरकतों से माता-पिता को इतना ज्यादा परेशान कर देते हैं, कि फिर माता-पिता गुस्से में आकर बच्चों को डांटने या फिर मारने लगते हैं।
इस स्थिति में बच्चे और भी ज्यादा जिद्दी हो जाते हैं और उनका मनोबल भी टूट सकता है। ऐसे में जरूरी है कि बच्चों को डांटने और मारने की बजाय प्यार से समझाया जाए, प्यार से समझाने से बच्चे अनुशासन जल्दी से सीख जाते हैं।