बनें बच्चों के सबसे अच्छे दोस्त, इन सवालों से जानें उनके दिल में छुपी बातें

अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे अपने दिल की बातें आपसे खुलकर शेयर करें, तो आपको उन्हें सही सवाल पूछने होंगे। बच्चों के मन में अक्सर ऐसी बातें होती हैं जिन्हें वे जाहिर नहीं करते, लेकिन सही तरीके से पूछे गए सवाल उन्हें खुलने का मौका देते हैं.

Bhawna Choubey
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बच्चों की अच्छी परवरिश करना माता पिता की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी होती है, जब बच्चा माँ के पेट में होता है तब से ही माता पिता दोनों बच्चों की परवरिश को लेकर चिंता में रहते हैं. माता पिता अपने बच्चों को छोटी उम्र से ही सारी सुख सुविधाएँ उपलब्ध कराते हैं, लेकिन क्या सारी सुख सुविधाएँ उपलब्ध कराना ही अच्छी परवरिश की निशानी है.

जब घर में छोटे बच्चे होते हैं, तो उनके शारीरिक स्वास्थ्य के साथ साथ मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य का ख्याल रखना भी माता पिता की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी होती है. पहले के ज़माने में बच्चे इतनी छोटी उम्र में स्कूल नहीं जाया करते थे, लेकिन अब जैसे जैसे जनरेशन बदल रही है वैसे वैसे न सिर्फ़ परवरिश करने का तरीक़ा बदल गया है बल्कि बहुत कुछ बदलाव हमें देखने को मिले हैं, आजकल बच्चे भी बहुत छोटी उम्र से ही स्कूल जाना शुरू कर देते हैं, ऐसे में बच्चों के साथ मानसिक और भावनात्मक रिश्ता मज़बूत करना बहुत ज़रूरी होता है.

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बच्चों से उनकी पसंद-नापसंद जानें

ऐसे में आपको अपने बच्चों से रोज़ाना कुछ सवाल पूछना चाहिए, जिससे कि वह अपने मन की सारी बातें आपके साथ शेयर कर सके, आप अपने बच्चों से पूछ सकते हैं कि तुम्हें ऐसी कौन सी चीज़ है जो सबसे ज़्यादा ख़ुशी देती है. बच्चे के जवाब से ना सिर्फ़ आप उसे बेहतर समझ पाएंगे बल्कि अपनी बच्चे की पसंद और ना पसंद को भी जान पाएंगे.

बच्चों से खुलकर बातचीत करें बिना डांटे

इसके अलावा आप अपने बच्चों से यह भी पूछ सकते हैं कि ऐसी कौनसी चीज़ है जो आपको बिलकुल भी पसंद नहीं है. आप अपने बच्चों से यह भी पूछ सकते है कि मेरी ऐसी कौन सी चीज़ है जिसका तुम्हें बहुत बुरा लगता है. इस तरह के सवाल से बच्चा खुलकर अपने मन में दबी बात आपको बताएगा, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि बच्चा जो कुछ भी बोले उसके बाद आप उसे डांटेंगे नहीं, ना ही चलाएंगे.

“दोस्तों के बारे में जानें”

दोस्तों के साथ रहना बहुत पसंद होता है, ऐसे में आप अपने बच्चों से उनकी हर एक दोस्त के बारे में विस्तार से बातें करें. साथ ही साथ उसे यह भी पूछा कि तुम्हें कौनसा दोस्त सबसे अच्छा लगता है और कौन सा दोस्त तुम्हें ठीक ठीक लगता है, इस सवाल से आप बच्चों को दोस्ती के बारे में अच्छे से समझा पाएंगे. इतना ही नहीं सही ग़लत में फ़र्क करना भी आप बच्चों को आसानी से सीखा पाएंगे.

“घर का लीडर बनने पर क्या करेंगे?”

यह सवाल बहुत ही रोचक है, आप अपने बच्चे से पूछें क्योंकि अगर तुम्हारी एक दिन के लिए घर का लीडर बना दिया जाए तो तुम क्या करोगे, यह ये सवाल भले ही छोटा हो, लेकिन जब आप उसका जवाब सुनेंगे, तब आपको पता चलेगा कि उसके मन में घर को लेकर क्या बातें चल रही है, ऐसी कौन कौन सी बातें हैं, तो उसे पसंद नहीं है और वह ठीक करना चाहता हो.


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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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