भारतीय वायु सेना का लड़ाकू विमान मिराज 2000 शिवपुरी में क्रेश, ग्वालियर एयर बेस से भरी थी उड़ान, दोनों पायलट सुरक्षित

मिराज 2000 को उड़ा रहे पायलट ने सूझबूझ दिखाते हुए उसे आबादी वाले क्षेत्र से हटाकर खेतों की तरफ मोड़ दिया, विमान तेजी से नीचे आया लेकिन जब तक वो जमीन पर गिरा उससे पहले ही दोनों पायलट ने खुद को सेफ इजेक्ट कर लिया।

Atul Saxena
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Indian Air Force fighter plane Mirage 2000 crashes in Shivpuri: मध्य प्रदेश एक शिवपुरी जिले के नरवर में आज एक बड़ा हादसा हो गया, यहाँ करैरा में भारतीय वायुसेना का लड़ाकू विमान अचानक धूं धूं कर जलता हुआ खेतों में गिर गया, जमीन पर गिरते ही जोरदार धमाका हुआ और प्लेन कई हिस्सों में बंट गया, खास बात ये है इस हादसे में दोनों पायलट सुरक्षित बच गये हैं इन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है।

जो जानकारी अब तक सामने आई है उसके मुताबिक भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान मिराज 2000 ने आज ग्वालियर एयर बेस से अपने नियमित प्रशिक्षण के लिए उड़न भरी थी उसमें दो पायलट थे, विमान जैसे ही शिवपुरी के नरवर में करैरा क्षेत्र के पास पहुंचा उसके सिस्टम में कोई खराबी आ गई।

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मिराज 2000 उड़ा रहे पायलट की सूझबूझ से बड़ा हादसा टला 

बताया जा रहा है तकनीकी खराबी की जानकारी महसूस होते ही मिराज 2000 को उड़ा रहे पायलट ने सूझबूझ दिखाते हुए उसे आबादी वाले क्षेत्र से हटाकर खेतों की तरफ मोड़ दिया, विमान तेजी से नीचे आया लेकिन जब तक वो जमीन पर गिरा उससे पहले ही दोनों पायलट ने खुद को सेफ इजेक्ट कर लिया।

दोनों पायलट सुरक्षित, इलाज के लिए अस्पताल भेजा 

विमान गिरने ही ग्रामीण तेजी से खेतों की तरफ दौड़े, उन्होंने घायल दोनों पायलट की मदद की और फिर स्थानीय पुलिस थाने करैरा को सूचना दी , कुछ ही देर में पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए भारतीय वायु सेना के अधिकारी भी ग्वालियर से पहुंच गए , बताया जा रहा है कि दोनों पायलट पूरी तरह सुरक्षित हैं उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

IAF ने दुर्घटना की जाँच के आदेश दिए  

उधर भारतीय वायुसेना ने X पर लिखा – “भारतीय वायुसेना का एक मिराज 2000 विमान आज नियमित प्रशिक्षण उड़ान के दौरान सिस्टम में खराबी के कारण शिवपुरी (ग्वालियर) के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दोनों पायलट सुरक्षित बाहर निकल गए। दुर्घटना के कारण का पता लगाने के लिए वायुसेना द्वारा जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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