बच्चों की Handwriting सुधारने के असरदार तरीके, लिखावट बनेगी खूबसूरत, भविष्य में नहीं होगी परेशानी

Parenting Tips: बच्चों की हैंडराइटिंग में सुधार लाना उनके भविष्य के लिए बेहद जरूरी है। अक्सर देखा जाता है कि बच्चे लिखने में उतनी रुचि नहीं दिखाते, जिससे उनकी Handwriting खराब हो जाती है। अच्छी Handwriting न सिर्फ उन्हें स्कूल में अच्छे अंक दिलाने में मदद करती है, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ाती है।

भावना चौबे
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Parenting Tips: आजकल बच्चों का ध्यान पढ़ाई से हटकर मोबाइल और दूसरे गैजेट्स पर ज्यादा रहता है। जिससे उनके हैंडराइटिंग पर भी असर पड़े रहा है। स्कूल में अच्छे नंबर पाने के लिए लिखावट का अच्छा था बहुत जरूरी है क्योंकि अगर आपका बच्चा बहुत इंटेलिजेंट है।

लेकिन अगर उसकी हैंडराइटिंग अच्छी नहीं है तो वह क्या लिख रहा है वह समझ नहीं आएगा जिस वजह से उसे अच्छे नंबर नहीं मिल पाएंगे। ऐसे में पेरेंट्स के लिए यह एक चुनौती बन जाता है कि बच्चों की हैंडराइटिंग कैसे सुधारें अगर आप भी अपने बच्चों के लिखावट को बेहतर बनाना चाहते हैं, तो कुछ आसान टिप्स अपना कर इसमें सुधार ला सकते हैं।

सही से पेंसिल पकड़ना सिखाएं

बच्चों की हैंडराइटिंग सुधारने के लिए सबसे पहले उन्हें सही तरीके से पेंसिल पकड़ना सिखाना बहुत जरूरी है। अक्सर बच्चे गलत ढंग से पेंसिल पकड़ते हैं, जिसकी वजह से उनके लिखावट पर असर पड़ता है। पेंसिल पकड़ने का सही तरीका सिखाने के लिए उन्हें तीन उंगलियां अंगूठा, तर्जनी और मध्यमा का उपयोग करने का अभ्यास कराएं।

पहले बच्चे का हाथ पकड़कर उन्हें धीरे-धीरे सही ढंग से लिखवाएं। ताकि वह इस पोजीशन में सहज हो सके। कुछ समय तक यह प्रक्रिया दोहराने से बच्चे को सही ढंग से पेंसिल पकड़ने और लिखने में मदद मिलेगी जिससे उनकी लिखावट में भी सुधार आएगा।

रेखाएं खींचने का अभ्यास कराएं

बच्चों की लिखावट सुधारने के लिए सबसे पहले उन्हें रेखाएं खींचने का अभ्यास कराएं। एक पन्ने पर सीधी तिरछी और घुमावदार रेखाएं बनाने से उनके हाथों में मजबूती और नियंत्रण बढ़ता है। इस प्रकार का अभ्यास उन्हें अपने हाथ की पकड़ और संतुलन पर बेहतर नियंत्रण देना सिखाता है।

जिससे उनकी अक्षरों की सटीकता और सुंदरता में सुधार आता है। धीरे-धीरे इस प्रक्रिया में बच्चों की हैंडराइटिंग में साफ और संतुलित लकीरें नजर आने लगती है, जो उनके लिखावट को निखारने में मदद करती है।

बड़े और छोटे अक्षरों का रोज अभ्यास करें

बच्चों के लिखावट सुधारने के लिए बड़े और छोटे अक्षरों का नियमित अभ्यास करवाना बेहद फायदेमंद होता है। शुरुआत में सरल और आसान शब्दों में अभ्यास कराएं, ताकि बच्चे अक्षरों को सही ढंग से लिखना सीख सकें।

जब वे इन शब्दों को ठीक से लिखने लगें, तो धीरे-धीरे कठिन शब्दों और फिर वाक्य की प्रैक्टिस की और बढ़ें। इस प्रक्रिया में बच्चों के लिखावट में साफ सफाई और स्थिरता आती है। हर दिन एक पन्ना लिखवाने से उनकी लेकिन शैली में सुधार आएगा।

ट्रेस बुक का करें इस्तेमाल

बच्चों की लिखावट सुधारने के लिए अल्फाबेट और नंबर वाली ट्रेस बुक खरीदना एक शानदार ऑप्शन हो सकता है। इसी ट्रेस बुक की मदद से बच्चे अक्षरों और संख्याओं को सही तरीके से बनाना सीख सकते हैं। जिससे उनकी हैंडराइटिंग में सबसे पहले संतुलन आएगा।

ट्रेसिंग के माध्यम से बच्चे अक्षरों की सही संरचना को समझते हैं, जो आगे चलकर उनके लिखावट में सुधार लाने में मददगार होता है। साथ ही, नियमित अभ्यास से बच्चे का आत्मविश्वास भी बढ़ता है और लिखने में उनकी रुचि पैदा होती है।

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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