Parenting Tips: बच्चों की अच्छी परवरिश करना माता-पिता की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी होती है। अपनी इस ज़िम्मेदारी को अच्छे से निभाने के लिए माता-पिता हर कोशिश करते हैं। माता-पिता की यही ख़्वाहिश होती है कि उनका बच्चा अच्छे से पढ़े लिखे, अच्छे अच्छे संस्कार सीखें, और जीवन में ख़ूब तरक़्क़ी करें।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि बचपन में हुई कई घटनाएँ बच्चों के दिमाग़ पर गहरा छाप छोड़ती है। वैसे तो माता-पिता अपने बच्चों की भलाई के लिए ही सारे फ़ैसले लेते हैं, लेकिन कभी कभी जाने अनजाने में वे ऐसी बातें या काम कर देते हैं जिस वजह से बच्चे का मानसिक विकास रुक जाता है या फिर मानसिक विकास पर नकारात्मक असर पड़ता है।

ज़िद्दी बच्चों को कैसे सुधारें?
अक्सर कई घरों में देखा जाता है कि माता-पिता अपने एक्सपीरियंस के आधार पर यह मान बैठते हैं कि वे जो भी कह रहे हैं वहीं बच्चे के लिए सही है। ऐसे में होता यह है , कि कई बार माता-पिता बच्चे की इक्छा के विरुद्ध चीज़ें थोपने लगते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको उन आदतों या व्यवहारों के बारे में बताएंगे, जिससे बच्चे के दिमाग पर नकारात्मक असर पड़ता है।
ज़बरदस्ती जल्दी उठाना
वैसे जल्दी उठने की आदत अच्छी होती है। ऐसे में बच्चे जब भी स्कूल जाते हैं , तब उन्हें ना चाहते हुए भी जल्दी उठना ही पड़ता है। अगर बच्चे की छुट्टी है, तो उसे जल्दी उठाने की कोशिश न करें। छुट्टी के दिन बच्चों को थोड़ा देर तक सोने देना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि छोटे बच्चे बड़े लोगों के मुताबिक़ ज़्यादा सोते हैं और इससे उनकी ग्रोथ बढ़ती है। नींद पूरी होने से मन ख़ुश रहता है।
ज़बरदस्ती खाना खिलाना
कई बार ऐसा देखा जाता है कि माता-पिता को अपने बच्चों की बेहद फिक्र होती रहती है, जिसके चलते वे कई बार अपने बच्चों को ज़बरदस्ती खाना खिला देते हैं। अगर आप ऐसा करते हैं तो, अब थोड़ा समझने की ज़रूरत है। ज़बरदस्ती खाना खिलाने से बच्चों का पाचन तंत्र ख़राब हो सकता है, इससे वे चिड़चिड़े हो सकते हैं।
गंभीर माहौल ना बनाएँ
कई बार माता-पिता बच्चों को समझदार बनाने के लिए उनसे सीरियस बातें करने लगते हैं जैसे कि बच्चा इन बातों को समझें और समझदार बन जाए, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बच्चा सीरियस बातों को ज़्यादा अच्छे से नहीं समझ पाता है, ऐसे में बच्चों से हमेशा लाइट टॉक ही करनी चाहिए।
अगर आपकी बच्चे ने कोई गलती की है, तो उसे डाटने, मारने या उस पर ज़ोर से चिल्लाने की बजाय आप उसे प्यार से समझाए। प्यार से समझाए गई बातें बच्चों को जल्दी समझ आती है, ज़बरदस्ती बच्चों के साथ सख़्त बर्ताव करने से बच्चों की मेंटल हेल्थ पर असर पड़ सकता है। ऐसे में वे हमेशा आपसे बातें शेयर करने में डटे रहेंगे।