क्या आपके बच्चे में आत्मविश्वास की कमी है? इन आसान तरीकों से बनाएं उन्हें सुपर कॉन्फिडेंट

आत्मविश्वास बच्चों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद करता है। जब बच्चे खुद घर के छोटे-मोटे काम करते हैं, या माता-पिता की काम में मदद करते हैं तो बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है और वह कई स्किल भी सिखते हैं।

Bhawna Choubey
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Parenting Tips: बच्चों की परवरिश करना माता पिता के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है। जैसे-जैसे समय बदल रहा है, वैसे-वैसे पपरवरिश करने का तरीका भी बदल रहा है। हर माता-पिता की यही ख्वाहिश होती है, कि उनका बच्चा अच्छे से पढ़ाई लिखाई करें, अच्छे-अच्छे संस्कार सीखें और जीवन में खूब तरक्की करें।

बच्चों की अच्छी प्रवेश करने का मतलब यही नहीं होता है कि उनकी सुविधा अनुसार उन्हें समान दिलवाना उनके खाने पीने का ध्यान रखना या फिर उनकी पढ़ाई लिखने का ध्यान रखना। बल्कि कुछ ऐसी छोटी-मोटी आदतें भी होती है जिनकी मदद से हम अपने बच्चों को कम उम्र में ही जिम्मेदार बना सकते हैं, यह आदतें भी एक अच्छी परवरिश का हिस्सा होती है।

बच्चों से छोटे-छोटे काम करवाने के फायदे

बच्चों से घर के छोटे-छोटे काम करवाना न केवल उन्हें जिम्मेदार बनाने में मदद करता है, बल्कि उनके व्यक्तित्व विकास में भी मददगार साबित होता है। ऐसा माना जाता है, कि जब बच्चों को घर के छोटे-छोटे कामों में शामिल किया जाता है, तो इससे बच्चे टीम वर्क, टाइम मैनेजमेंट और प्रॉब्लम सॉल्विंग जैसी स्किल सीख जाते हैं।

बढ़ता है आत्मविश्वास

जब माता-पिता बच्चों से घर के छोटे-छोटे काम करवाते हैं, या उनकी मदद लेते हैं तो इससे बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें की आप काम उनकी उम्र और क्षमता के अनुसार ही करवाए। जैसे अगर आपका बच्चा छोटा है, तो आप उसे अपना कमरा जमाना, टॉयज को इकट्ठा करना किताबें जगह पर रखना, बेडशीट को अच्छे से बिछाने, अपने जूते चप्पल को जगह पर रखने, जैसे काम करवा सकते हैं।

माता-पिता को रखना चाहिए इन बातों का ध्यान

जब बच्चा घर के छोटे-छोटे कामों में आपकी मदद करता है, तो उसकी मेहनत की तारीफ करना और सराहना बेहद जरूरी होता है। आप इस बात पर ध्यान ना दें कि आपका बच्चा काम को बिल्कुल सही तरीके से ही करें , बल्कि आप इस बात पर ध्यान दें कि कम से कम आपके बच्चे ने काम करने की कोशिश तो की है।

जब आप उसकी कोशिशों को सराहना देंगे, उसे प्रोत्साहित करेंगे तो बच्चा बहुत खुश होगा और ऐसे ही छोटे-मोटे कामों में आपकी मदद करने के लिए उत्सुक रहेगा। इसलिए परफेक्शन की बजाय बच्चों की छोटी-छोटी कोशिशें की तारीफ करें, यह आदतें बच्चों को आत्मनिर्भर जिम्मेदार और आत्मविश्वास से भरा हुआ महसूस करवाएगी।


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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