Plant Care: गर्मी की तपिश में भी खिले-खिले रहेंगे पौधें, बस इस तरह रखें ध्यान

Plant Care: गर्मियां आते ही पौधों की देखभाल करना ज़्यादा ज़रूरी हो जाता है। तेज़ धूप और गर्मी से पौधे मुरझा सकते हैं और सूख सकते हैं। लेकिन थोड़ी सी सावधानी और देखभाल से आप अपनी बगिया को हरी-भरी और खिली-खिली रख सकते हैं।

Planting Tips

Plant Care: गर्मी और बरसात, दोनों ही मौसम पौधों के लिए चुनौतीपूर्ण होते हैं। गर्मियों में तेज धूप और पानी की कमी पौधों को सुखा सकती है, जबकि बरसात में ज़्यादा पानी जमने से जड़ें सड़ सकती हैं और कीट-पतंगे पनप सकते हैं। लेकिन थोड़ी सी सावधानी और देखभाल से आप अपने घर के गमलों और बगिया को हरा-भरा और खिलता हुआ रख सकते हैं। इस तपती गर्मी में इंसानों और जानवरों के साथ-साथ पौधे भी बेहाल हैं। 50 डिग्री से भी ज्यादा तापमान में कई जगहों पर पौधे मुरझाकर सूख रहे हैं। घर में लगे पौधे न सिर्फ खूबसूरती बढ़ाते हैं, बल्कि पर्यावरण को भी स्वच्छ रखने में मदद करते हैं।

पानी का रखें ध्यान

गर्मियों में, तेज धूप और गर्मी के कारण पानी का वाष्पीकरण बहुत तेज़ी से होता है। इसलिए, पौधों को स्वस्थ रखने के लिए, सुबह और शाम दो बार पानी देना ज़रूरी है।जब सूरज अभी निकल ही रहा हो, उस समय पानी दें। इससे पानी को सूखने का समय मिलेगा और पौधों को दिन भर नमी मिलेगी। जब सूरज ढल जाए और मौसम थोड़ा ठंडा हो जाए, तभी पानी दें। रात में पानी देने से जड़ें सड़ सकती हैं।

धुप से पौधे को बचाएं

गर्मियों में, तेज धूप पौधों के लिए हानिकारक हो सकती है। जमीन में लगे पौधों को तो बारिश और मिट्टी की नमी से कुछ हद तक राहत मिल जाती है, लेकिन गमले में लगे पौधों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। इन पौधों में मिट्टी की मात्रा सीमित होती है, जिसके कारण नमी भी जल्दी सूख जाती है। इसलिए, गर्मियों में पौधों को धूप से बचाने के लिए कुछ ज़रूरी उपाय करने चाहिए। पौधों को ऐसी जगह रखें जहाँ दिन में सीधी धूप न पड़े। आप उन्हें घर की दीवारों के पास, पेड़ों के नीचे या फिर छज्जे पर रख सकते हैं। कुछ पौधों को सुबह की हल्की धूप पसंद होती है। ऐसे पौधों को सुबह कुछ देर के लिए धूप में रखें और फिर उन्हें छाया में ले आएं।

मल्चिंग

गर्मियों में, तेज धूप और गर्मी से पौधों को नुकसान हो सकता है। मिट्टी की नमी जल्दी सूख जाती है और पौधे मुरझाने लगते हैं। इस समस्या से बचने के लिए, आप मल्चिंग का उपयोग कर सकते हैं। मल्चिंग एक ऐसी तकनीक है जिसमें पौधों की जड़ों के आसपास सूखी पत्तियों, घास, पुआल, लकड़ी के चिप्स, या कंकड़ जैसी चीजों की एक परत बिछाई जाती है। मल्च मिट्टी से पानी के वाष्पीकरण को धीमा करता है, जिससे मिट्टी में लंबे समय तक नमी बनी रहती है। इससे आपको कम पानी देने की आवश्यकता होती है और पौधों को सूखने से बचाता है। मल्च गर्मियों में मिट्टी को ठंडा रखने और सर्दियों में गर्म रखने में मदद करता है। यह पौधों की जड़ों को तापमान में अत्यधिक बदलाव से बचाता है।

(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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