सर्दियों में करी पत्ते को सूखने से बचाएंगे ये 3 खास घोल, जानिए कैसे करें तैयार

Plant Care: सर्दियों में अक्सर करी पत्ते का पौधा सूखने लगता है, जिससे उसे हरा-भरा बनाए रखना मुश्किल हो जाता है। कई लोग इसे बचाने के लिए बाजार के फर्टिलाइजर का सहारा लेते हैं, लेकिन केमिकल के बजाय कुछ घरेलू नुस्खे इसे ठंड में भी स्वस्थ रख सकते हैं।

भावना चौबे
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Plant Care: सर्दियों के मौसम में करी पत्ते का पौधा अक्सर सूखने लगता है, जिससे इसे हरा भरा बनाए रखना एक चुनौती बनकर उभरता है। अधिकांश लोग इस पौधे को बचाने के लिए बाजार में मिलने वाले फर्टिलाइजर का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इसके बावजूद भी पौधों को सही पोषण नहीं मिल पाता है और वह मूरझाने लगते हैं।

अधिकांश लोगों को सर्दी का मौसम आते ही इस समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अगर आप इस झंझट से बचना चाहते हैं और अपने करी पत्ते के पौधों को सर्दियों में भी हरा भरा बनाए रखना चाहते हैं, तो कुछ आसान घरेलू घोल आपकी मदद कर सकते हैं। इन घोल को बनाना बहुत ही आसान है चलिए जानते हैं।

नमक और पानी का घोल

सर्दियों के मौसम में करी पत्ते के पौधों को हरा भरा बनाए रखने के लिए आप नमक और पानी के घोल का इस्तेमाल कर सकती हैं। इसे तैयार करने के लिए एक गिलास पानी में एक चम्मच नमक मिलाकर स्प्रे बोतल में भारी और इस पौधे पर छिड़के।

यह गोल पौधे पर लगने वाले कीड़ों को दूर करेगा और ठंड से बचाव भी करेगा। इस बात का ध्यान रखें कि सर्दियों में पौधे में ज्यादा पानी ना डालें क्योंकि इससे जड़ें सड़ सकती है। अगर कुछ पत्तियां आपको पीली या सूखी नजर आ रही है, तो उन्हें तोड़कर हटा दें और महीने में एक बार खाद जरूर डालें ताकि पौधा स्वस्थ बना रहे।

नीम का घोल

नीम की पत्तियों से आप करी पत्ते के पौधे के लिए प्राकृतिक खाद बन सकती हैं, जो उसे हरा भरा और स्वस्थ रखने में मदद करेगा। इसके लिए पहले नीम की पत्तियों को अच्छी तरह से सुखाकर उनका पाउडर तैयार करें और फिर इस पाउडर को मिट्टी में गुड़ाई करके मिला दें। इससे पौधे को जरूरी पोषक तत्व मिलेंगे और कीड़ों से भी सुरक्षा होगी।

पालक का घोल

पालक की पत्तियों में कई प्रकार के पोषक तत्व होते हैं जो करी पत्ते के पौधों को हरा-भरा बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। पालक के पत्तियों को धोने के बाद जो पानी बचता है उसे फेंकने की बजाय स्प्रे बोतल में भरकर पौधे पर छिड़के। यह पानी पौधे को जरूरी पोषण प्रदान करेगा और उसे स्वस्थ बनाए रखेगा। इसके अलावा आप इस पानी को सीधे गमले में भी डाल सकती हैं। ताकि पौधे की जड़ों को पोषक तत्व मिल सके।

 


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भावना चौबे

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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