Planting Tips: लौकी सिर्फ एक स्वादिष्ट सब्जी नहीं, बल्कि कई पोषक तत्वों से भरपूर भी है। इससे न केवल स्वादिष्ट सब्जी बनती है, बल्कि रायता, हलवा, बर्फी, कोफ्ते जैसी कई व्यंजन भी बनाए जा सकते हैं। अगर आप घर पर ही लौकी उगाएं तो न सिर्फ ताज़ी और स्वादिष्ट लौकी मिलेगी, बल्कि होम गार्डनिंग का आनंद भी मिलेगा।
पौधा लगाने के दौरान रखें इन बातों का ध्यान
सही किस्म का चुनाव करें। पूसा लंबी, पूसा समर पलास, कोहार जैसी किस्में लोकप्रिय हैं। बीज को 24 घंटे के लिए पानी में भिगो दें। 10-12 इंच गहरा और 12-15 इंच चौड़ा गमला चुनें। ढीली, रेतीली मिट्टी का इस्तेमाल करें।मिट्टी को अच्छी तरह से फोड़कर मिक्स करें और धूप में रखें। गमले में मिट्टी भरकर लौकी उगाने के लिए तैयार हो जाएं।
बीज की मदद से ऐसे उगाएं लौकी का पौधा
बाजार से अच्छी किस्म के लौकी के बीज खरीदें। बीजों को 24 घंटे के लिए पानी में भिगो दें। 10-12 इंच गहरा और 15 इंच चौड़ा गमला चुनें। ढीली, रेतीली मिट्टी का इस्तेमाल करें। मिट्टी को अच्छी तरह से फोड़कर मिक्स करें और धूप में रखें। गमले में मिट्टी भरें और थोड़ा नम करें। भिगोए हुए बीजों को 1 इंच गहरे और 6 इंच की दूरी पर बो दें। ऊपर से थोड़ी घास या मिट्टी से ढक दें। नियमित रूप से पानी दें, मिट्टी को सूखने न दें। गर्मियों में विशेष रूप से ध्यान रखें। जब अंकुर निकलें, तो घास हटा दें। हर 2-3 सप्ताह में जैविक खाद या तरल उर्वरक दें। बेलों को सहारे के लिए जाली या ट्रेलिस लगाएं। एफिड्स, खीरे के बीटल और पाउडर की फफूंदी जैसे कीटों और रोगों से सावधान रहें। 60-70 दिनों बाद लौकी कटाई के लिए तैयार हो जाती है।
पौधा लगाने के बाद करें ये काम
जैसे-जैसे लौकी का पौधा बढ़ता है, उसकी बेलें लंबी और भारी होती जाती हैं। इन बेलों को सहारा देने के लिए कुछ ज़रूरी कदम उठाने चाहिए ताकि पौधा फलने-फूलने में सक्षम हो सके। जब पौधा 3-4 फीट ऊँचा हो जाए, तो उसके पास लकड़ी का खंभा या जाली लगा दें। मजबूत रस्सी या तार का उपयोग करके पौधे को लकड़ी के खंभे या जाली से बांध दें। बेलों को बढ़ने की दिशा में सहारा दें। समय-समय पर सहारे की मजबूती की जांच करते रहें और आवश्यकतानुसार उसे मजबूत करें। यदि बेलें बहुत भारी हो जाएं, तो अतिरिक्त सहारे के लिए लकड़ी या बाँस के डंडों का उपयोग करें।
कीटों और रोगों से ऐसे बचाएं
लौकी का पौधा कई तरह के कीटों और रोगों से प्रभावित हो सकता है। इनमें से कुछ प्रमुख हैं एफिड्स, खीरे के बीटल और पाउडर की फफूंदी। नीम का तेल एक प्रभावी प्राकृतिक कीटनाशक है। 1 लीटर पानी में 5 मिलीलीटर नीम का तेल, 20 ग्राम साबुन और थोड़ा सा डिटर्जेंट मिलाकर घोल तैयार करें। इस घोल को पौधे पर अच्छी तरह से स्प्रे करें। नींबू का रस भी कीटों को दूर रखने में मददगार होता है। 1 लीटर पानी में 100 मिलीलीटर नींबू का रस और 20 ग्राम साबुन मिलाकर घोल तैयार करें। इस घोल को पौधे पर स्प्रे करें।