Planting Tips: हर मौसम में खिलते रहेंगे गुड़हल के फूल, बस इन घरेलू खाद का करें इस्तेमाल

Planting Tips: गुड़हल के पौधे, जिन्हें हिबिस्कस भी कहा जाता है, अपनी चमकीदार लाल, गुलाबी या सफेद फूलों के लिए जाने जाते हैं। इनकी देखभाल करना अपेक्षाकृत आसान होता है, और ये कम उर्वरक के साथ भी फल-फूल सकते हैं।

Bhawna Choubey
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Planting Tips: बहुत लोगों को गार्डनिंग करने का शौक होता है। अपने इस शौक के चलते कुछ लोग अपने घर का एक हिस्सा गार्डन के रूप में तब्दील कर देते हैं तो वहीं कुछ लोग अपने घर की बालकनी और छत को रंग-बिरंगे फूलों वाले पौधे से सजाते हैं। रंग-बिरंगे फूल वाले पौधे न सिर्फ दिखने में अच्छे होते हैं बल्कि यह घर की शोभा भी बढ़ाते हैं। लेकिन कभी-कभी अच्छी देखभाल करने के बाद भी पौधे मुरझाने लगते हैं और सुख जाते हैं। आज हम खासतौर पर गुड़हल के पौधे के बारे में बात कर रहे हैं। गुड़हल का पौधा जिसे हिबिस्कस के नाम से भी जाना जाता है। इस पौधे में सफेद लाल और गुलाबी रंग के फूल खिलते हैं। भारत के अमूमन घरों में यह पौधा जरूर पाया जाता है। आजमापुर इस लेख के द्वारा बताएंगे की गुड़हल के पौधे की किस तरह देखभाल करनी चाहिए। हम आपको बताएंगे कि केमिकल बेस्ड खाद का इस्तेमाल ना करते हुए कैसे आप घरेलू खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं, तो चलिए जान लेते हैं कि गुड़हल के पौधों के लिए घर पर कैसे घरेलू खाद बनाई जाए साथ ही साथ खाद के अलावा किसी तरह गुड़हल के पौधे की देखभाल की जाए।

गुड़हल के पौधे को कहा रखें

गुड़हल एक ट्रोपिक पौधा है जो गर्म और आर्द्र जलवायु में पनपता है। इसे भरपूर सूर्य प्रकाश की आवश्यकता होती है, इसलिए इसे ऐसी जगह पर लगाएं जहां उसे कम से कम 6 घंटे प्रतिदिन सूर्य प्रकाश मिले। आप इसे छत, बालकनी या बगीचे में धूप वाली जगह पर रख सकते हैं।

किस तरह की होनी चाहिए मिट्टी

गुड़हल को अच्छी तरह से सूखा और जैविक पदार्थों से समृद्ध मिट्टी की आवश्यकता होती है। आप समान मात्रा में मिट्टी, रेत और खाद का मिश्रण इस्तेमाल कर सकते हैं। आप बगीचे की मिट्टी में भी गुड़हल उगा सकते हैं, बस यह सुनिश्चित करें कि मिट्टी अच्छी तरह से सूख जाए।

कितना पानी देना चाहिए

गुड़हल को नियमित रूप से पानी देने की आवश्यकता होती है, लेकिन अधिक पानी देने से बचें। मिट्टी के ऊपर के 1-2 इंच सूखने पर पानी दें। गर्मियों में आपको अधिक बार पानी देने की आवश्यकता हो सकती है, जबकि सर्दियों में कम पानी दें।

कीटों और रोगों से कैसे बचाएं

गुड़हल एफिड्स, सफेद मक्खियों और स्केल कीटों जैसे कीटों के प्रति संवेदनशील होता है। यदि आप कीटों को देखते हैं, तो उन्हें हटाने के लिए नीम का तेल या साबुन का पानी उपयोग करें। गुड़हल कवक रोगों, जैसे पत्ती के धब्बों और जड़ सड़न के प्रति भी संवेदनशील होता है। इन रोगों से बचने के लिए, पौधे को अच्छी तरह से हवादार रखें और अधिक पानी देने से बचें।

ये केमिकल-मुक्त खाद आपके गुड़हल के पौधों को स्वस्थ और हरा-भरा रखने में मदद करेंगे

1. गोबर की खाद

यह सबसे आसानी से उपलब्ध और प्रभावी खाद विकल्पों में से एक है। गोबर की खाद में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम (NPK) का संतुलित मिश्रण होता है, जो गुड़हल के विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्व होते हैं। आप घर पर ही गोबर की खाद बना सकते हैं या इसे बाजार से खरीद सकते हैं।

2. नीम की खली

यह एक प्राकृतिक कीटनाशक और उर्वरक दोनों है। नीम की खली मिट्टी में नाइट्रोजन भी जोड़ती है। यह गुड़हल के पौधों को कीटों और बीमारियों से बचाने में मदद करती है।

3. खाद चाय

यह घर पर बनी एक तरल खाद है जो पौधों के पोषण के लिए महत्वपूर्ण सूक्ष्म पोषक तत्व प्रदान करती है। खाद चाय बनाने के लिए, आप किसी भी प्रकार की खाद, जैसे गोबर की खाद, नीम की खली या वर्मीकम्पोस्ट का उपयोग कर सकते हैं।

4. केले के छिलके

केले के छिलके पोटेशियम का एक अच्छा स्रोत होते हैं, जो गुड़हल के फूलों को बढ़ावा देने में मदद करता है। आप केले के छिलकों को सुखाकर उन्हें पाउडर बना सकते हैं और फिर इसे मिट्टी में मिला सकते हैं।

5. अंडे के छिलके

अंडे के छिलके कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत होते हैं, जो गुड़हल की जड़ों को मजबूत करने में मदद करता है।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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