Planting Tips: गेंदे का फूल अपने चमकीले रंगों और सुगंध के लिए जाना जाता है। गेंदे के फूलों का उपयोग पूजा, सजावट और औषधीय प्रयोजनों के लिए भी किया जाता है। अगर आप चाहते हैं कि आपके गेंदे के पौधे अधिक फूल दें, तो उन्हें पौष्टिक तत्वों से भरपूर खाद देना ज़रूरी है। आइए जानते हैं कुछ ऐसी खादों के बारे में जो आपके गेंदे के पौधों के लिए फायदेमंद होंगी।
अंडे के छिलकों की खाद
गेंदे के पौधे को स्वस्थ और खिलने-फूलने के लिए कई पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इनमें से एक महत्वपूर्ण तत्व है कैल्शियम, जो पौधों की कोशिका दीवारों को मजबूत बनाने और उन्हें रोगों से बचाने में मदद करता है। अंडे के छिलके कैल्शियम का एक प्राकृतिक और आसानी से उपलब्ध स्रोत हैं। आप इनसे घर पर ही आसानी से खाद बनाकर अपने गेंदे के पौधों को पोषण दे सकते हैं। अंडे के छिलकों को अच्छी तरह धोकर सुखा लें। इन्हें मिक्सी या ग्राइंडर में पीसकर बारीक पाउडर बना लें। इस पाउडर को मिट्टी में मिलाकर गेंदे के पौधों के आसपास डालें। ध्यान रखें कि खाद ज्यादा मात्रा में न डालें, क्योंकि इससे मिट्टी में कैल्शियम का स्तर बढ़ सकता है, जो पौधों के लिए हानिकारक हो सकता है।
इसके अलावा ये खाद भी है बहुत कारगार
1. गोबर की खाद
यह सबसे आसानी से उपलब्ध और सस्ती खाद है। गोबर की खाद में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे सभी आवश्यक पोषक तत्व होते हैं। गेंदे के पौधों को गोबर की खाद देने से उनकी जड़ें मजबूत होती हैं और वे अधिक फूल देते हैं।
2. नीम की खाद
नीम की खाद कीटों और बीमारियों से बचाने में मदद करती है। यह खाद मिट्टी को उपजाऊ भी बनाती है। गेंदे के पौधों को नीम की खाद देने से उनकी पत्तियां हरी-भरी और चमकदार रहती हैं।
3. वर्मीकम्पोस्ट
वर्मीकम्पोस्ट केंचुओं द्वारा तैयार की गई खाद है। यह खाद मिट्टी को ढीली-ढली और हवादार बनाती है। वर्मीकम्पोस्ट में सूक्ष्म पोषक तत्व भी अधिक मात्रा में होते हैं। गेंदे के पौधों को वर्मीकम्पोस्ट देने से उनकी वृद्धि तेज होती है और वे अधिक फूल देते हैं।
4. घरेलू खाद
आप अपने घर के किचन स्क्रैप से भी खाद बना सकते हैं। इसके लिए फलों और सब्जियों के छिलके, चाय की पत्ती, और कॉफी की खली का इस्तेमाल करें। यह खाद मिट्टी को उपजाऊ बनाती है और गेंदे के पौधों को पोषण देती है।
5. रासायनिक खाद
आप बाजार से रासायनिक खाद भी खरीद सकते हैं। लेकिन रासायनिक खाद का इस्तेमाल सीमित मात्रा में ही करें। क्योंकि इनमें मौजूद रसायन मिट्टी और पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।