Sawan 2024 : कन्नौज का बाबा विश्वनाथ मंदिर वाराणसी के बाबा विश्वनाथ का प्रतिरूप माना जाता है। इस मंदिर की मान्यता है कि यहां स्थित शिवलिंग अत्यंत प्राचीन है और इसका संबंध हिमालय से बहकर गंगा नदी में आया शिवलिंग से है। स्थानीय लोगों के अनुसार, बनारस के महंत ने सपने में इस शिवलिंग के बारे में जानकारी प्राप्त की और उसकी खोज में कन्नौज आए।
जानें मान्यता
मान्यताओं के अनुसार, बनारस के मुख्य पुजारियों में से एक को सपने में एक दिव्य शिवलिंग के बारे में जानकारी मिली। इस सपने के अनुसार, वह पुजारी इस शिवलिंग को खोजने के लिए कन्नौज आया। कन्नौज में गंगा नदी के किनारे उसे एक स्थान पर शिवलिंग मिला, जिसे देखकर वह मान गया कि यही वही शिवलिंग है जिसे उसने सपने में देखा था। पुजारी ने शिवलिंग को उठाया और रात्रि के समय अपने शिष्यों के साथ एक सुनसान जगह पर ठहर गए। वहीं, उन्होंने शिवलिंग को विराजित कर दिया। सुबह जब उन्होंने देखा कि यह शिवलिंग बिल्कुल बनारस के शिवलिंग के जैसा लग रहा है, तो उनके मन में विचार आया कि इसे बनारस ले जाया जाए।
महंत ने शिवलिंग को कन्नौज से ले जाने का प्रयास किया, लेकिन जब उन्होंने रात्रि विश्राम के दौरान शिवलिंग को एक जगह पर रखा, तो वह वहां से हिला नहीं। इसके बाद, उन्होंने शिवलिंग को वहीं छोड़ दिया गया और उसी स्थान पर बाबा विश्वनाथ का मंदिर स्थापित किया गया। इस तरह कन्नौज का बाबा विश्वनाथ मंदिर महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल के रूप में स्थापित हो गया।
यहां है स्थित
कन्नौज मुख्यालय से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर चौधरियापुर गांव में बाबा विश्वनाथ का यह प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। मान्यता के अनुसार, पहले यहां मां गंगा की निर्मल धारा बहा करती थी। इसी पवित्र धारा के साथ शिवलिंग सैकड़ों साल पहले बहकर इस स्थान पर आया था।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)