गुलदाउदी के मुरझाए फूलों को फिर से कैसे करें हरा-भरा? जानें ये आसान तरीका

Plant Care: गुलदाउदी को सर्दी की रानी भी कहा जाता है। यह अपने चमकीले फूलों के लिए जानी जाती है। खासतौर पर सर्दियों के मौसम में इन फूलों की काफी डिमांड रहती है। लेकिन अक्सर देखा जाता है कि पौधों में एक बार फूल खिलने के बाद, पौधा और फूल दोनों ही मुरझाने लगते हैं, इसके लिए क्या कर सकते हैं, चलिए जानते हैं।

Bhawna Choubey
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Plant Care: गुलदाउदी के पौधे को सर्दियों के मौसम के लिए खास पौधा माना जाता है। कहा जाता है कि इसके फुल सर्दियों के मौसम में खूब खिलते हैं, लेकिन क्या हो अगर सर्दियों के मौसम में यह पौधा मुरझा जाए और खूबसूरत फूल दिखाई ना दे?

सर्दियों के मौसम में बगीचे, बालकनी और छत की शोभा बढ़ाने वाला गुलदाउदी का पौधा अपनी खूबसूरत और पीले फूलों के लिए जाना जाता है। नवंबर से जनवरी तक के महीने में इस पौधे में भर भर के फूल खिलते हैं, लेकिन कई बार यह पौधा मुरझाने लगता है जिस वजह से फूल खिलना बंद हो जाते हैं।

गुलदाउदी के पौधे की देखभाल (Plant Care)

जैसे-जैसे मौसम में बदलाव होता है वैसे-वैसे पौधों की देखभाल के भी तरीके लोगों को बदलने चाहिए। अगर मौसम बदलने के साथ पौधों की सही देखभाल और कटिंग ना की जाए तो पौधे जल्दी खराब होने लगते हैं। चलिए आगे समझते हैं, कि गुलदाउदी के पौधों के लिए क्या-क्या उपाय किए जा सकते हैं।

गुलदाउदी के पौधे के लिए करें ये काम

  • सबसे पहले हमें यह समझने की जरूरत है, कि गुलदाउदी के पौधों को सर्दियों के मौसम में कितने समय धूप में रखना चाहिए। सर्दियों में इस पौधे को कम से कम 5 से 6 घंटे धूप की जरूरत होती है।
  • इसे ऐसी जगह पर रखना चाहिए, जहां इसे सीधी धूप मिल सके, कई बार लोग धूप के चक्कर में पौधों को बाहर तो रख देते हैं, लेकिन उन्हें इस बात का ध्यान नहीं रहता है, कि पौधों में ठंडी हवा भी लगती है। गुलदाउदी के पौधों को ठंडी हवाओं से बचाकर ही धूप में बाहर रखें।
  • अब बात आती है खाद की, बाजार में मिलने वाली महंगी और केमिकल वाली खाद की बजाय आप घर पर बनाई गई प्राकृतिक खाद का इस्तेमाल करेंगे तो यह ज्यादा बेहतर रहेगा। पहले मिट्टी की गुड़ाई करें और फिर उसमें प्राकृतिक खाद डालें।
  • पानी डालने से पहले मिट्टी को छूकर देखें कि वह सुखी है या फिर गीली। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि अगर आप पौधों में ज्यादा पानी डालेंगे तो पौधों की जड़ सड़ सकती है। गुलदाउदी के पौधे को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है, हफ्ते में दो बार पानी डालना भी पर्याप्त रहेगा।
  • सर्दियों के मौसम में सफेद मक्खियों का खतरा अधिक रहता है, इसलिए पौधों की नियमित देखभाल करते रहें और हफ्ते में दो बार पौधों की अच्छी तरह से जांच भी करते रहें।
  • कीटों से बचाव के लिए आप नीम के तेल या फिर नीम की पत्तियों से बना प्राकृतिक स्प्रे भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा अगर पौधों की पत्तियों में धूल चिपक रही है, तो आप गीले कपड़े की मदद से हल्के हाथों से पत्तियों को साफ कर सकते हैं।

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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