खरबूजे के बराबर होता है आपके दिमाग का वजन, डेढ़ घंटे तक पसीना बहाया तो हो सकता है गहरा नुकसान, जानिए हैरतअंगेज मनोवैज्ञानिक तथ्य

क्या आप जानते हैं..हमारे मस्तिष्क में 73 प्रतिशत पानी होता है। रिसर्च के अनुसार आपके ध्यान और याददाश्त को खराब रुप से प्रभावित करने के लिए केवल 2 प्रतिशत निर्जलीकरण की आवश्यकता होती है। मतलब अगर दो प्रतिशत पानी की मात्रा कम हुई तो आपको नुकसान हो सकता है।

Psychology

Psychological Facts : मनोविज्ञान मन और व्यवहार का अध्ययन करने वाली शाखा है जो मानव मानसिक प्रक्रियाओं, व्यवहार और अनुभवों का अध्ययन करती है। इसका मुख्य उद्देश्य मानव व्यवहार को समझना, विश्लेषण करना और व्याख्या करना है ताकि लोगों को बेहतर समझा जा सके और उनकी मदद की जा सके। मनोविज्ञान को कई विभागों में विभाजित किया जाता है, जो विभिन्न प्रकार के मानसिक प्रक्रियाओं का अध्ययन करते हैं। इसमें कई ऐसे तथ्य निकलकर सामने आए हैं, जो हमें अपने और दूसरों के बारे में समझ विकसित करने में मददगार हो सकते हैं। आज हम आपके साथ ऐसे ही कुछ दिलचस्प मनोवैज्ञानिक तथ्य साझा कर रहे हैं।

मनोवैज्ञानिक तथ्य

  1. नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान के प्रोफेसर पॉल रेबर (Paul Reber) के अनुसार, मानव मस्तिष्क अनुमानित 2,500,000 गीगाबाइट सामग्री संग्रहित कर सकता है। यह लगभग 300 वर्षों के टीवी शो के बराबर है।
  2. शोध से पता चलता है कि पिछले 10 वर्षों में औसत मनुष्य की ध्यान अवधि में औसतन 12 मिनट की कमी आई है। अध्ययनों ने डिवाइस मल्टी-टास्किंग के बीच कुछ लिंक भी दिखाए हैं – उदाहरण के लिए यदि आप टीवी देखते समय सोशल मीडिया पर स्क्रॉल कर रहे हैं तो ध्यान अवधि में गिरावट आती है।
  3. हमारा दिमाग जो किसी सुपर कंप्यूटर की तरह है, उसका वजन कितना होगा। वैज्ञानिको के अनुसार औसतन, वयस्क मस्तिष्क का वजन तीन पाउंड होता है। इस संदर्भ में इसकी तुलना एक खरबूजे के वजन से की जा सकती है।
  4. हमारे मस्तिष्क में 73 प्रतिशत पानी होता है। रिसर्च के अनुसार आपके ध्यान और याददाश्त को खराब रुप से प्रभावित करने के लिए केवल 2 प्रतिशत निर्जलीकरण की आवश्यकता होती है।
  5. अगर डेढ़ घंटे तक पसीना बहाया जाए तो वो अस्थायी रूप से मस्तिष्क के आकार को उतना ही छोटा कर सकता है जितना कि उम्र बढ़ने के एक साल में होता है।
  6. ऑक्सीजन के बिना अगर सिर्फ पांच मिनट तक रहा जाए तो मानव मस्तिष्क की कोशिकाएं मरने लगती हैं, जिससे मस्तिष्क को क्षति पहुंचती है।
  7. Neuroscientists लंबे समय से जानते हैं कि हिप्पोकैम्पस (hippocampus) अल्पकालिक यादें संग्रहित करता है। हालांकि, एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि जहां अल्पकालिक यादें हिप्पोकैम्पस में बनती हैं, वहीं वे दीर्घकालिक यादें मस्तिष्क के दूसरे हिस्से में भी इकट्ठी होती हैं।
  8. विटामिन बी1 मस्तिष्क रसायन एसिटाइलकोलाइन (acetylcholine) के उत्पादन के लिए आवश्यक है, जो ध्यान केंद्रित करने और यादों को संग्रहित करने के लिए जरुरी है।ऑस्ट्रेलिया में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि जिन लोगों ने दो साल तक बी-1 सप्लीमेंट और फोलिक एसिड का सेवन किया, उनकी लंबी और अल्पकालिक याददाश्त में सुधार हुआ।
  9. हमें भले ही चैतन्य रूप से वो बातें याद रहती हैं जोकि एक उम्र के बाद  की हैं। लेकिन अध्ययन के अनुसार हमारी यादें मां के गर्भ में ही बनने लगती हैं, क्योंकि यह मस्तिष्क के विकास के लिए महत्वपूर्ण समय होता है। मेमोरी रिकॉल गर्भावस्था के चार महीने की शुरुआत में ही हो सकता है।
  10. हमारा मस्तिष्क शरीर की कुल ऑक्सीजन और ऊर्जा का 20 प्रतिशत उपयोग करता है, जो रक्त वाहिकाओं के माध्यम से मस्तिष्क तक जाता है। मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिकाओं को बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के ऊतकों को पर्याप्त ऑक्सीजन और ऊर्जा के बिना, मस्तिष्क कार्य और तंत्रिका संबंधी विकार हो सकते है।

(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।)


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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