दिमाग को तेज बनाती हैं ये एक्टिविटी, रोजाना करने की आदत डालें

Shashank Baranwal
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Brain Exercises

Exercise to sharpen Brain: किसी भी काम को करने और कोई निर्णय लेने में दिमाग का ठीक होना बेहद जरूरी होता है। दिमाग शरीर का बेहद जरूरी हिस्सा होता है, क्योंकि दिमाग से ही सारे शरीर को नियंत्रित किया जाता है। ऐसे में अगर दिमाग सही नहीं रहेगा तो परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसके लिए आपको अच्छे खानपान और अच्छी लाइफस्टाइल की जरूरत होती है। बता दें आपको पर्याप्त नींद और हेल्दी फूड लेने की जरूरत होती है। इसके साथ ही नियमित रूप से एक्सरसाइज की भी जरूरत होती है। इन एक्सरसाइज और मानसिक एक्टिविटी को अपनाकर आप दिमागी रूप से तेज हो सकते हैं।

प्राणायाम

अगर अपने दिमाग को तेज करना चाह रहे हैं तो नियमित रूप से प्राणायाम करना होगा। इसको करने से मानसिक तनाव को दूर करने में मदद मिलती है। साथ ही दिमागी स्थिति को सही करने में भी मदद करता है।

डांस करना

डांस करना शारीरिक लाभ के साथ-साथ मानसिक लाभ भी देता है। डांस करने से आप मानसिक तनाव से छुटकारा पा सकते हैं। इसके साथ ही यह याददाश्त को भी तेज करने में मदद करता है।

दिमागी खेल खेलना

अगर आप अपने बच्चों को दिमागी रूप से मजबूत बनाना चाह रहे हैं तो अपने बच्चों को दिमागी खेल खेलने के लिए प्रोत्साहित करें। दिमागी खेलों जैसे शतरंज, पजल, क्रॉस वर्ड आदि खेलों को खेलना चाहिए।

एरोबिक्स

दिमागी रूप से मजबूत बनने के लिए एरोबिक्स करना चाहिए। इसको करने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़िया बना रहता है। जिसके कारण शरीर के अलग अलग हिस्सों में ऑक्सीजन की आपूर्ति सही ढंग से होती है। वहीं इसको नियमित रूप से करने से याददाश्त तेज भी होता है।

(Disclaimer: यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता है। अमल में लाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।)


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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