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Sun, Dec 21, 2025

क्या आप भी हैं ओवरथिंकिंग से परेशान : ‘अधिक सोचने की समस्या’ छीन सकती है आपकी खुशी, इन सरल उपायों को अपनाएं

Written by:Shruty Kushwaha
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सोचना हमारी आदत है। हमारा दिमाग बिना विचार के रह ही नहीं सकता। लेकिन हर चीज़ की अति बुरी होती है। स्वाभाविक प्रवाह वाले विचारों के अतिरिक्त अगर आपके दिमाग में हर समय किसी न किसी बात पर चिंतन मनन चलता रहता है, आप किसी भी बात को चाहते हुए भी छोड़ नहीं पाते हैं, तो ये समस्या वाली बात है। इससे आप चिंता और अवसाद से घिर सकते हैं। इसीलिए समय रहते ओवरथिंकिंग पर काबू पाना जरूरी है।
क्या आप भी हैं ओवरथिंकिंग से परेशान : ‘अधिक सोचने की समस्या’ छीन सकती है आपकी खुशी, इन सरल उपायों को अपनाएं

Break The Cycle Of  Overthinking : क्या आप भी बहुत ज्यादा सोचते हैं ? क्या आपके साथ भी ऐसा होता है कि आपके विचार थमते ही नहीं और आप खुद को सोचने से नहीं रोक पाते ? क्या आपकी ज्यादा सोचने की आदत आपको परेशान कर डालती है ? अगर ऐसा है तो इस बात को नज़रअंदाज़ मत कीजिए। बहुत संभव है कि आप ओवरथिंकिंग की समस्या से ग्रस्त हों। यह ऐसी स्थिति है जब हम बिना किसी ठोस कारण के अपनी चिंता को बढ़ा लेते हैं।

ओवरथिंकिंग..वो स्थिति है जब कोई व्यक्ति किसी एक बात, विचार या समस्या के बारे में ज्यादा सोचता है। बार-बार उसी विषय में विचार करते हैं और उसे बढ़ा-चढ़ा कर सोचने लगता है। उदाहरण के तौर पर, अगर आपने किसी से कोई बात की और फिर बाद में सोचना शुरू कर दिया कि “क्या मैंने सही कहा?” या “क्या वे मुझसे नाराज हो गए?” और फिर ये खयाल बढ़ते ही जाएं तो यह ओवरथिंकिंग का हिस्सा है।

क्या है  Overthinking

ओवरथिंकिंग..जिसे अत्यधिक चिंतन भी कहा जाता है, एक मानसिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति किसी विषय, समस्या या घटना के बारे में अत्यधिक और बार-बार सोचता है। इसमें व्यक्ति एक ही विचारों पर बहुत देर तक सोचता रहता है, मन में स्थितियों को बार-बार दोहराता है और विभिन्न दृष्टिकोणों से विश्लेषण करता है। ओवरथिंकर्स को विचारों को छोड़ने में कठिनाई होती है और बहुत अधिक विचार करने से और चिंता के कारण कोई एक निर्णय लेने में संकट भी आ सकता है।

ओवरथिंकिंग से होने वाली समस्याएं

  • मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं: ओवरथिंकिंग से एंग्जाइटी, पैनिक अटैक और डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। ये समस्या आपकी मानसिक शांति छीन सकती है।
  • शारीरिक स्वास्थ्य समस्याएं: यह नींद की कमी, उच्च रक्तचाप और तनाव जैसी समस्याओं का कारण बन सकती है। इस कारण और भी कई समस्याएं हो सकती है।
  • निर्णय लेने में कठिनाई: अत्यधिक सोचने से व्यक्ति निर्णय लेने में संकोच करता है, जिससे काम में देरी होती है। वो हमेशा निर्णय और अनिर्णय की स्थिति के बीच झूलता रहता है।
  • सामाजिक संबंधों पर प्रभाव: ओवरथिंकिंग से व्यक्ति दूसरों के दृष्टिकोण को समझने में कठिनाई महसूस करता है। इस कारण रिश्तों में तनाव उत्पन्न हो सकता है।
  • खुशी पर प्रभाव : ओवरथिंकिंग का आपकी खुशी पर नकारात्मक प्रभाव हो सकता है। जब आप लगातार एक ही बात पर अधिक विचार करते रहते हैं तो यह मानसिक तनाव और चिंता का कारण बन सकता है। इससे आपकी खुशी को प्रभावित हो सकती है।

ओवरथिंकिंग से बचने के उपाय

  1. मेडिटेशन करें : नियमित ध्यान लगाने से मन को शांति मिलती है और ओवरथिंकिंग को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
  2. विश्राम तकनीकों का अभ्यास करें : गहरी सांस लेना, योग और अन्य विश्राम तकनीकों से भी तनाव कम होता है।
  3. स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं : संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  4. अपने ट्रिगर पॉइंट्स पहचानें : वे स्थितियां या विचार जो ओवरथिंकिंग को बढ़ावा देते हैं, उन्हें पहचानें और उनसे बचने की कोशिश करें।
  5. सकारात्मक सोच विकसित करें : नकारात्मक विचारों को चुनौती दें और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं। जब भी दिमाग ज्यादा सोचने लगे तो उसे किसी रचनात्मक काम में लगाएं।
  6. समय प्रबंधन में सुधार करें : अपने काम को प्राथमिकता दें और समय सीमा निर्धारित करें, जिससे कार्यों में देरी न हो।
  7. सोशल सपोर्ट प्राप्त करें : इस स्थिति में अपनों का साथ बहुत जरूरी होता है। परिवार और मित्रों से अपने विचार और परेशानी साझा करें, जिससे आपका मानसिक बोझ कम होगा।
  8. विशेषज्ञ की सलाह लें : अगर सारी कोशिशों के बावजूद आप इस आदत पर काबू नहीं कर पा रहे हैं तो किसी मनोचिकित्सक या विशेषज्ञ से सलाह लें।

(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।)