जीवनशैली,डेस्क रिपोर्ट। हर घर में पानी का ढलान होना आवश्यक होता है। पानी का ढलान यानि ऐसी जगह जहां से पानी बहकर निकल जाए। ये जगह किचन और बाथरूमों में तो होती ही है। आंगन में भी पानी का ढलान होता है। पानी बहकर आसानी से निकल जाए इसलिए इन सबी जगहों पर हल्का सा ढाल दिया जाता है। जो नजर नहीं आता। लेकिन पानी बहने के तरीके से उसका अंदाजा लगाया जा सकता है। पानी का ढलान भी घर के हालात पर असर डालता है। ये ढाल किस तरफ बना है। किस दिशा में पानी बह रहा है ये सब हालात घर के माहौल पर असर डालते हैं। खासतौर से गृह स्वामिनी पर या घर में रहने वाली औरतों पर। इसलिए ढलान का वास्तुअनुरूप होना बहुत जरूरी है।
>> आपके घर में पानी का ढलान अगर दक्षिण पश्चिम दिशा में है तो घर के मालिक के लिए ये शुभ नहीं होता। इससे उनकी सेहत संबंधी परेशानियां बनी रहती हैं।
>> आग्नेय कोण में पानी का बहाव घर की महिलाओं की सेहत पर बुरा असर डालता है। या घर का माहौल ऐसा रहता है कि महिलाएं कभी घर में प्रसन्न नहीं रह पातीं
>> बारिश का पानी हमेशा नालियों के जरिए घर से बाहर जाना चाहिए। घर में ऐसा कोई स्थान नहीं होना चाहिए। जहां ये पानी बहता हुआ नजर आए। अमूमन हर घर में इसलिए छत या बालकनी की नालियों पर प्लास्टिक का पाइप लगाय जाता है।
>> घर के अंदर होने वाला नालियों का मुख हमेशा पैक होना चाहिए। नालियों का खुला होना निगेटिविटी लाता है।
>> घर से पानी सीधे बाहर जाना भी शुभ नहीं होता। इसलिए जहां भी पानी निकासी करना चाहते हैं वहां नाली जरूर होना चाहिए।
>> पानी का बहाव हमेशा उत्तर, पूर्व या ईशान दिशा की तरफ होना चाहिए। ऐसा होने से घर में धन धान्य की कमी कभी नहीं होती। घर की गति हमेशा बनी रहती है। इसके अलावा पश्चिम, दक्षिण, आग्नेय या नैऋत्य कोण में पानी का बहाव होने से धन हानि, स्वास्थ में हानी बनी रहती है।
*Disclaimer :- यहाँ दी गई जानकारी अलग अलग जगह से जुटाई गई एक सामान्य जानकारी है। MPBreakingnews इसकी पुष्टि नहीं करता है।