पढ़ने में नहीं लग रहा बच्चे का मन, इन उपायों से झट से बढ़ जाएगी कंसन्ट्रेशन पावर

Amit Sengar
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जीवनशैली,डेस्क रिपोर्ट। स्कूल खुल चुके हैं। पूरे दो साल बाद बच्चों को नियमित स्कूल जाने का मौका मिल रहा है। अचानक ढेर सारा होमवर्क, घंटो याद करने वाले पाठ भी मिल ही रहे होंगे। लेकिन बच्चा है कि पढ़ाई की टेबल पर टिकता ही नहीं है। पढ़ने में उसका मन लगता ही नहीं है। ये शिकायतें अगर आपको भी हैं तो बच्चों की काउंसलिंग तो करते ही रहें। साथ ही वास्तु से जुड़े कुछ उपाय भी आजमा कर देखें। जो आपके बच्चों का मन पढ़ाई में लगाने में मददगार हो सकते हैं। जिनसे उसके पढ़ाई वाले कमरे और टेबल के आसपास ऐसी पॉजिटिव एनर्जी होगी कि उसका मन पढ़ाई में लगने लगेगा।

ज्यादा सामान न रखें
जिस जगह बच्चा पढ़ाई करता है वहां आसपास ज्यादा सामान न हो। इस बात का ध्यान रखें। खासतौर से ऐसा सामान बिलकुल नहीं होना चाहिए जिसका इस्तेमाल बहुत कम या बिलकुल नहीं होता हो। ऐसी चीजें निगेटिव एनर्जी का केंद्र बन जाती हैं।

साफ सफाई का ध्यान रखें
बच्चा जहां भी पढ़ाई करता है, वो जगह तो पूरी तरह साफ होना ही चाहिए। उस कमरे में भी साफ सफाई का पूरा ध्यान रखें। इसके अलावा कमरे में लाइट यानि कि रोशनी का भी भरपूर इंतजाम होना चाहिए।

कमरे का रंग
कमरे का रंग हमेशा हल्का ही रखें। बच्चे का स्टडी रूम हल्के हरे रंग का हो तो बेस्ट है। अगर नहीं तो कोई भी हल्का रंग ही चुने। भड़कीले रंग हमेशा डिस्ट्रैक्ट करते हैं।

शीशा सही जगह हो
बच्चों के कमरे में आईना किसी ऐसी जगह नहीं होना चाहिए जिसमें किताबों की परछाई साफ दिखाई दे। अगर स्टडी डेबल और आईना एक ही कमरे में हो तो उसे ऐसे रखें कि किताबों की परछाई न नजर आए।

ये मंत्र का जाप करवाएं
पढ़ाई करने वाले बच्चों से हमेशा गणपतिजी के बीज मंत्र का जाप करवाएं। साथ में मां सरस्वती के बीज मंत्र का भी जाप करवाएं। पूजा करते में गायत्री मंत्र का जाप करने के लिए कहें।

*Disclaimer :- यहाँ दी गई जानकारी अलग अलग जगह से जुटाई गई एक सामान्य जानकारी है। MPBreakingnews इसकी पुष्टि नहीं करता है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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