Wedding Rituals : शादी-ब्याह हिंदु धर्म में बहुत ही सौभाग्य की बात मानी जाती है। यह दो लोगों का पवित्र बंधन माना जाता है, जब दो परिवार के लोग भी उनकी खुशियों में शामिल होते हैं और तरह-तरह की रस्में निभाकर विवाह को संपन्न करवाते हैं। विवाह बंधन के साथ-साथ वंश बढ़ाने का जरिया भी होता है। इसे सात जन्मों का पवित्र रिश्ता माना जाता है, जब दो आत्माओं का मिलन होता है। इसलिए बहुत सारे रीति रिवाजों का पालन किया जाता है। हिंदू धर्म में शादी का बहुत बड़ा महत्व है। इसमें सभी समुदाय के लोग अलग-अलग रस्मों के साथ शादी को संपन्न करते हैं। इसकी शुरुआत माटी-मटकोर के साथ की जाती है। इसके बाद एक-एक करके सारी रस्में निभाई जाती है।
हिंदू धर्म में यह परंपरा रही है कि शादी के बाद बेटी की विदाई हो जाती है और वह अपने ससुराल चली जाती है, लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि शादी के बाद बेटी ही क्यों ससुराल जाती है? क्यों नहीं बेटे अपना घर छोड़कर लड़की के घर पर विदा होकर आते हैं?
विदाई रस्म (Vidai Rasam)
एक माता-पिता का दिल बहुत बड़ा होता है, जब वह अपने जिगर के टुकड़े को हमेशा-हमेशा के लिए किसी और के घर विदा कर देते हैं, लेकिन यह एक परंपरा है जिसे हर किसी को निभाना ही पड़ता है। हर राज्य में शादी-विवाह को लेकर अलग-अलग परंपराएं हैं, लेकिन रिवाज सभी जगह समान है। शादी के बाद बेटी मायका से विदा होकर हमेशा के लिए ससुराल चली जाती है।
बेटी की ही क्यों होती है विदाई?
धार्मिक मान्यताओं और पौराणिक कथाओं के अनुसार, जिस समय सृष्टि की रचना हुई थी… उस समय मनु और सपरुपा का आगमन हुआ था। तब दोनों का विवाह हो रहा था, जिसमें सभी देवी-देवता शामिल हुए थे। इस दौरान सभी ने जोड़े को आशीर्वाद दिया था। इस विवाह में ब्रह्मा जी, भगवान विष्णु और भगवान शिव भी उपस्थित थे। तब ब्रह्मा जी ने भगवान विष्णु और महादेव से पूछा कि स्त्री और पुरुष में किसको अपना घर छोड़ना होगा और क्यों छोड़ना होगा?
तब भगवान विष्णु और भगवान शंकर ने उन्हें जवाब दिया कि स्त्री शक्ति का स्वरूप है। उसके बिना पुरुष अपूर्ण है, इसलिए विवाह के नियम बनाते समय यह परंपरा बनाई गई थी। स्त्री को अपने माता-पिता का घर छोड़कर अपने पति के घर जाना होगा, क्योंकि स्त्री में शक्ति, सौम्यता और संपन्न होती है। वह घर को संभालने के लिए परिपूर्ण मानी जाती है। वह आसानी से किसी भी स्थिति को संभाल सकती हैं। उनमें ताकत, सहनशीलता, बुद्धिमता होती है। इसलिए उन्हें अपना घर छोड़कर ससुराल जाना पड़ता है, तब से ही यह परंपरा चली आ रही है। जिसे आज भी रिचुअल्स के साथ निभाया जाता है।
शादी का महत्व (Wedding Rituals)
शादी के दौरान दूल्हा-दुल्हन को तरह-तरह के रीति-रिवाज निभाने होते हैं। पूरे विधि-विधान और रस्मों के साथ एक पुरुष और स्त्री दांपत्य जीवन के लिए एक-दूसरे का हाथ थामते हैं, जो 7 जन्मों के लिए एक-दूसरे के होने का वचन लेते हैं। हिंदू धर्म में हर व्यक्ति के जीवन में 16 संस्कार होते हैं, जिनमें से एक विवाह भी शामिल है। इस दौरान सभी देवी-देवताओं का विधि-विधानपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही विधिपूर्वक दुल्हन को विदा करके ससुराल ले जाया जाता है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)