World Diabetes Day 2021: इन तरीकों से शरीर देता है डायबिटीज का संकेत, न करें नजरअंदाज

डेस्क रिपोर्ट। शुगर या डायबिटीज का नाम ही टेंशन का सबब बन चुका है कोई ये कह भर दे कि आपको शुगर है तो समझिए अब क्या खाएंगे, कब खाएंगे, क्या नहीं खाने ऐसे तमाम सवाल परेशान करने लगते हैं और एक सवाल जिसका जवाब मिलना ही मुश्किल होता है वो ये कि शुगर या डायबिटीज होने से पहले पता क्यों नहीं चला? जवाब बहुत आसान है, पता इसलिए नहीं चला क्योंकि आपका शरीर जिन बदलावों के जरिए आपको आगाह करना चाहता था आप उन्हें नजरअंदाज करते रहे उन लक्षणों पर गौर करते तो शायद ये अंदाजा आसानी से लगा पाते कि आप इस मर्ज के मुहाने पर चुके हैं, उससे बचना शायद मुश्किल हो सकता था, पर, कुछ सावधानियों के बाद उसे कुछ दिनों के लिए पीछे जरूर धकेला जा सकता है, इसलिए बिना देर किए शरीर में आ रहे इन बदलावों को जज करें और डाटबिटीज से बचने की कोशिश करें

बार बार पेशाब आना
शरीर में शुगर बढ़ने पर किडनियां ओवरटाइम करने लगती हैं जब भी शुगर की मात्रा अधिक होती है किडनियां उसे पेशाब के जरिए बाहर निकालने की कोशिश करती हैं जिसकी वजह से बार बार यूरिन आती है, शुगर लेवल बढ़ रहा है या नहीं उसे समझने के लिए ये सबसे आसान निशानी है


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।