World Earth Day 2024: जानें क्यों मनाया जाता है विश्व पृथ्वी दिवस, क्या है इसके पीछे का इतिहास, इस साल की थीम

World Earth Day 2024: हर साल 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का पीछे का उद्देश्य लोगों को पृथ्वी के महत्व को समझाना है। आइए जानते है क्या है इस दिन को मनाने के पीछे का इतिहास और इस साल की थीम।

Saumya Srivastava
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World Earth Day 2024: दुनियाभर में 22 अप्रैल को हर साल विश्व पृथ्वी दिवस के रूप मनाया जाता है। लोगों को पृथ्वी के बारे में बताने के लिए इस दिन को मनाया जाता है। धरती जो इंसान के साथ साथ करोड़ों जीव जंतु और वनस्पतियों का भी घर है, लेकिन अपनी आवश्यकताओं के लिए उसे कई तरह के नुकसान पहुंचा रहा है। जिसका परिणाम स्वरूप प्रदूषण, क्लाइमेट चेंज, ग्लोबल वॉर्मिंग जैसी कई समस्याएं देखने को मिल रही हैं। लोगों को पृथ्वी और प्रकृति के महत्व के के बारे में जागरूक करने के लिए ही इस दिन को मनाने की शुरूआत हुई।

पृथ्वी दिवस मनाने के पीछे का इतिहास

साल 1969 में पहली बार यूनेस्को सम्मेलन में शांति कार्यकर्ता जॉन मैककोनेल ने पृथ्वी दिवस को मनाने का विचार रखा था, लेकिन उस समय इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य पृथ्वी का सम्मान करना था। उसके बाद 22 अप्रैल 1970 को पहली बार संयुक्त राज्य अमेरिका में पृथ्वी दिवस मनाया गया। इसके बाद 1990 में डेनिस हेस ने विचार रखा कि इस दिन को पूरी दुनिया मनाएं। पहली बार 141 देशों ने 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस के रूप में मनाया। आज के समय में कुल पृथ्वी दिवस कुल 190 देशों में मनाया जाता है।

इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य

पहली बार जब पृथ्वी दिवस मनाने का विचार रखा गया तो उसमें पृथ्वी का सम्मान करना उद्देश्य था। लेकिन धीरे धीरे समय के साथ इसका उद्देश्य बदलता गया आज के समय में पृथ्वी दिवस को मनाने के पीछे का उद्देश्य लोगों को पृथ्वी के महत्व के बारे में समझाना है। लोगों को प्रदूषण और वनों की कटाई जैसे पर्यावरणीय मुद्दों के प्रति जागरूक करने के लिए इस दिन को मनाया जाता है।

साल 2024 की थीम

दरअसल हर साल विश्व पृथ्वी दिवस एक थीम के साथ मनाया जाता है, ताकि लोगों को उसके उद्देश्य के बारे में पता है। वहीं इस साल 2024 की थीम ‘प्लेनेट वर्सेज प्लास्टिक’ है। इस थीम को इसलिए रखा गया है कि लोग प्लास्टिक के उपयोग को बंद कर दें और उसके जगह किसी और चीज का इस्तेमाल करें जो पार्यावरण के हिसाब से अच्छा हो।


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Saumya Srivastava

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पत्रकार बनने का सपना तो स्कूल के समय से ही था। फिर इस सपने को पंख लगाने के लिए मैंने DDU गोरखपुर से पत्रकारिता में स्नातक किया। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल से डिजिटल जर्नलिज्म में परास्नातक की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के दौरान ही सीखने के लिए मैंने अनादि टीवी में इनपुट डेस्क पर काम किया फिर डिजिटल मीडिया में कदम रखते हुए द सूत्र में काम किया फिर एमपी ब्रेकिंग न्यूज से जुड़ी। उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले की रहने वाली हूं। मैं पॉलिटिकल, क्राइम, हेल्थ, एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल पर खबरें लिखती हूं।

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