World Television Day : टेलीविजन हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह एक माध्यम है जो हमें जानकारी, मनोरंजन, शिक्षा और कई अन्य चीजों तक पहुंचाता है। इसे छोटा बक्सा, बुद्धू बक्सा, इ़डियट बॉक्स के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, बुद्धू बक्से यानी टीवी ने हमारी जिंदगी में कई अहम बदलाव किए हैं, जिसका असर हमारी जीवनशैली पर पड़ा है। इसके माध्यम से हम नए विचार और दृष्टिकोण प्राप्त करते हैं। दुनिया के बारे में बेहतर जानकारी हासिल करते हैं। यह माध्यम हमें विभिन्न संस्कृतियों और लोगों से जोड़ता है। देखा जाए तो बुद्धू बक्सा के बिना आज का जीवन अधूरा सा होता। इसी कड़ी में हर साल 21 नवंबर को विश्व टेलीविजन दिवस मनाया जाता है। इसी दिन साल 1996 में संयुक्त राष्ट्र (UN) द्वारा पहली बार इस दिन का आयोजन किया गया था। आइए जानतें हैं टीवी का अनोखा सफर और क्यों कहते हैं इसे “इडियट बॉक्स” या “बुद्धू बक्सा”…
टीवी का अनोखा सफर
टेलीविजन का सफर बहुत अनोखा रहा है। शुरुआत में जहां टीवी सिर्फ एक बुद्धू बक्से के रूप में था तो वहीं आज के टेलीविजन दीवारों पर फिक्स हो जाते हैं। केवल इतना ही नहीं, उनकी तकनीक और तस्वीर की गुणवत्ता में भी बदलाव हुआ है। यह स्मार्ट टीवी अब 4K, 8K और QLED स्क्रीन्स के साथ आते हैं, जिनकी क्वालिटी हमारे मनोरंजन को एक नये स्तर पर ले जाती है। हालांकि, स्मार्टफोन्स, हाई स्पीड इंटरनेट और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के आने से भी काफी बदलाव देखने को मिल रहा है। अब लोग अपने फोन या इंटरनेट के जरिए मूवी, समाचार, गाने, शोज, आदि देखना पसंद करते हैं, जिससे उनमें टीवी के प्रति उत्साह कम हो गया है लेकिन इन सब तकनीकी बदलाव और नई सर्विसेज के बावजूद टेलीविजन का महत्व अभी भी है।
क्यों कहते हैं इसे “इडियट बॉक्स” या “बुद्धू बक्सा”…
बता दें कि टीवी को पहले “इडियट बॉक्स” या “बुद्धू बक्सा” के नाम से भी जाना जाता था। क्योंकि कुछ लोगों को शुरूआत में लगता था कि टेलीविजन देखते समय लोग बिना सोचे-समझे बस बैठे रहते हैं और जो कुछ भी दिखाया जा रहा है उसे सही मान लेते हैं लेकिन फिर समय के साथ लोगों को इस बुद्धू बक्से की अहमियत समझ आने लगी। दरअसल, साल 1987 में रामानंद सागर द्वारा बनाई गई रामायण सीरियल के प्रसारण के बाद से इसकी लोकप्रियता भारत में बढ़ गई। जिसके बाद धीरे-धीरे लोगों के घरों में इसकी एंट्री हुई।
किसने किया था टीवी का आविष्कार
जॉन लोगी बेयर्ड ने साल 1924 में टेलीविजन का आविष्कार किया गया था जो कि एक स्कॉटिश इंजीनियर थे। इसके बाद फार्न्सवर्थ ने इसे और बेहतर बनाने का प्रयास किया, जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने साल 1927 में वर्किंग टेलीविजन का निर्माण किया। इसे 1 सितंबर 1928 में प्रेस के सामने पेश किया गया था। शुरुआत में टीवी ब्लैक एंड व्हाइट था लेकिन 1928 में जॉन लोगी बेयर्ड ने कलर टेलीविजन का आविष्कार किया।