Shipra River: 1 महीने में शिप्रा में डूबी 6 जिंदगी, आंखे मूंदे बैठा प्रशासन, कौन लेगा हादसों की जिम्मेदारी?

Namami Gange

Shipra River Ujjain: बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में बहने वाली शिप्रा नदी पुण्य सलिला, मोक्षदायिनी और त्रिभुवन वंदिता समेत कई नामों से प्रसिद्ध है। उज्जैन पहुंचने वाले श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन करने के मकसद से तो यहां आते ही है। लेकिन शिप्रा में स्नान कर डुबकी लगाना भी उनके सबसे जरूरी कामों में शामिल होता है।

कहा जाता है कि शिप्रा मोक्षदायिनी है और इस में डुबकी लगा लेने भर से व्यक्ति को अपने सभी बुरे कर्मों और पापों से मुक्ति मिलती है और वह मोक्ष को प्राप्त करता है। लंबे समय से शिप्रा शुद्धिकरण एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है, जिस पर शासन प्रशासन द्वारा समय-समय पर तरह-तरह के निर्णय लिए गए हैं। शिप्रा शुद्धिकरण के साथ आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा भी एक महत्वपूर्ण विषय है। जिसके बारे में प्रशासन द्वारा उचित व्यवस्था किए जाने का दावा किया जाता है। लेकिन इन दिनों जो हालात दिखाई दे रहे हैं उससे शिप्रा शुद्धिकरण और संरक्षण तो दूर यह जाहिर है कि आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के प्रति प्रशासन बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। एक महीने में 6 लोग नदी में डूबने से अपनी जान गंवा बैठे हैं।


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Diksha Bhanupriy

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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।