इंदौर के एक शराब दुकानदार पर लगा 10 हजार का स्पॉट फाइन, जाने वजह

Gaurav Sharma
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इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश का इंदौर (Indore) शहर स्वच्छता सर्वेक्षण में फिर से नंबर वन आने के लिए पुरजोर तैयारी कर रहा है। इंदौर (Indore) बीते चार बार से नंबर वन रह चुका है और फिर से नंबर वन बनने के लिए इसने कवायद शुरु कर दी है। इसका उदाहरण गुरुवार को देखने मिला जब इंदौर के भागीरथपुरा क्षेत्र की एक शराब दुकान (Liquor Shop) पर निगम द्वारा 10 हजार रुपए का स्पॉट फाइन (Spot Fine) लगाया गया। 10 हजार का स्पॉट फाइन लगाने की वजह यह थी कि शराब दुकान में आने वाले ग्राहक खुले में बाथरूम (Urine) कर रहे थे, जिसको लेकर निगम द्वारा फाइन (Fine) लगाया गया।

गंदगी दिखने पर लगाया जा रहा स्पॉट फाइन

दरअसल स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में फिर से नंबर वन बनने के लिए इंदौर नगर निगम (Indore Municipal Corporation) शहर में स्वच्छता सर्वे (Cleanliness survey) कर रहा है, जिसके चलते शहर में जरा भी कचरा या गंदगी करने वालों पर स्पॉट फाइन (Spot fine) लगाया जा रहा है। सर्वे के दौरान निगम सीएसआई को भागीरथपुरा क्षेत्र की एक शराब दुकान के पास काफी गंदगी दिखी, साथ ही उन्होंने देखा कि शराब दुकान पर आने वाले ग्राहक वहां पर पैशाब (Urine) कर रहे हैं। जिस पर निगम वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन पर मां कस्तूरी इंटरप्राइजेज पर 10 हजार रुपए का स्पॉट फाइन (Spot Fine) लगाया गया।

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नगर निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल ने दिए सख्त निर्देश

बता दें कि स्वच्छता सर्वेक्षण के मद्देनजर इंदौर नगर निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल  द्वारा अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि वह शराब दुकानदारों को समझाइश दें कि वह शराब खरीदने आने वाले ग्राहकों को खुले में शौच करने से रोके। इसके साथ ही शराब संचालक उनके लिए यूरिनल की सुविधा मुहैया कराएं। अगर समझाइश के बाद भी शराब दुकान संचालक आदेशों को नहीं मानते हैं तो उन पर 50 हजार तक का स्पॉट फाइन लगाया जाए। बता दें कि शहर में गंदगी फैलाने वालों पर हो रही कार्रवाई और निगरानी करने की जिम्मेदारी निगम द्वारा जोनल अधिकारी, स्वास्थ्य अधिकारी और मुख्य स्वच्छता निरीक्षकों को दी गई है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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