Ashoknagar News : मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले के भर्रोली जैसे छोटे गांव के निवासी और अशोकनगर एवं गुना में पीडब्लूडी में एसडीओ एवं कार्यपालन यंत्री के पद पर रहे नरेंद्र सिंह रघुवंशी अधीक्षण यंत्री के पद से रिटायर होने के 6 साल बाद अपने ही विभाग के प्रमुख अभियंता पर पदोन्नत किए गए हैं।
ये है पूरा मामला
दरअसल, 2007 से पदोन्नति की पात्रता रखते हुये भी उन्हें पदोन्नत नही किया गया था, जबकि शासन ने समान कारण एवं मानदण्ड होते हुए भी अन्य अधिकारियो को पदोन्नत कर दिया था। शासन की मनमानी एवं पक्षपातपूर्ण कार्रवाई के खिलाफ लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आखिर में उन्हें उनकी योग्यता के हिसाब से पीडब्ल्यूडी में इंजीनियरिंग के सबसे बड़े पद से रिटायरमेंट के आदेश जारी किए गये। साथ ही इस दौरान बीच में एक प्रमोशन और भी दिया गया। करीब 12 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद रघुवंशी ने अपने हक को पाया है।
इस पद पर मिला प्रमोशन
बताया जा रहा है, कि उनसे कनिष्ठ एवं कम योग्यता वाले लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए जानबूझकर नरेंद्र सिंह रघुवंशी के साथ यह अन्याय किया गया था। हालांकि जिस योग्यता के साथ उन्होंने काम किया उसके हिसाब से उन्हें नौकरी में रहते हुए ही इन सब पदों पर पदोन्नत किया जाना था।मगर उन्होंने अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ लड़ाई जारी रखी और आखिर में अपना हक पाकर एक नजीर पेश की है। अब तक सेवानिवृत्त अधीक्षण यंत्री रहे नरेंद्र सिंह रघुवंशी अब सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता पीडब्ल्यूडी माने जाएंगे।
हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
रघुवंशी ने बताया कि तत्कालीन अधिकारियो ने व्यक्तिगत खुन्नस निकालने के लिये जानबूझकर उनके प्रमोशन में रोड़ा डाला गया था, जिसके खिलाफ उन्होंने कोर्ट में अपील की थी। हाईकोर्ट ने उन्हें प्रमोशन के योग्य पाकर विभाग को आदेशित किया था। मगर पीडब्ल्यूडी कोर्ट के आदेश के खिलाफ विभाग वरिष्ठ न्यायालय में चला गया। हाई कोर्ट की डबल बेंच में भी रघुवंशी को अपने पक्ष में फैसला मिला। मगर विभाग के अधिकारियों ने यहां भी उनके हक में फैसला ना करके मामले को जानबूझ कर उलझाने एवं लंबा खींचने के लिये मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाया गया ।यहां भी फैसला रघुवंशी के पक्ष में आया।
इस तरह जीती जंग
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मजबूरन पीडब्ल्यूडी विभाग को उनके हक में फैसला देना पड़ा। मगर इस दौरान रघुवंशी अधीक्षण यंत्री के पद से रिटायर हो चुके थे। कोर्ट के आदेशों को जानबूझकर अड़ंगा डालने के पीछे रघुवंशी ने बताया कि विभाग द्वारा उनसे जूनियर व्यक्ति को आगे लाने के लिए यह सब किया गया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद PWD विभाग को नरेंद्र रघुवंशी को विभाग के सर्वोच्च पद पर पदोन्नत किया गयाहै। इसके साथ ही बर्ष 2007से मुख्य अभियंता( chief engineer) का प्रमोशन भी दिया गया, 2011 से मुख्य अभियंता (engineer in chief )का प्रमोशन मिला है।
रघुवंशी बताते हैं कि उनके साथ किए गये अन्याय के खिलाफ उन्होंने लड़ाई जारी रखी और इसे ही जीवन का उद्देश्य बना रखा था। उनका कहना था कि भले ही गलत तरीके से उनके प्रमोशन में रोडे डाले गये। मगर अंततः जीत सत्य की हुई। और अब वह बहुत खुश है कि लंबे समय तक जीवन में डिप्रेशन एवं तनाव झेलने के बाद उनका संघर्ष काम आया और वह जिस योग्यता को रखते थे, आखिर में विभाग को उसे स्वीकार करना पड़ा।