भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में शासकीय सेवा (government service) में कार्यरत एक अधिकारी का सोशल मीडिया (social media) पर राजनीतिक पोस्ट (political post) करना उनके लिए खतरा बन गया। परियोजना अधिकारी (project Officer) ने राजनीतिक पोस्ट डाल कर खुद को परेशानी में डाल दिया है। महिला अधिकारी द्वारा डाली गई पोस्ट को वरिष्ठ अधिकारी कदाचार की श्रेणी बता रहे हैं जबकि कांग्रेस (congress) ने सीधे-सीधे परियोजना अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की है।
बता दें कि अशोकनगर के ईसागढ़ के बाल विकास विभाग में पदस्थ परियोजना अधिकारी ने सोशल मीडिया के अधिकारियों के ग्रुप में एक राजनीतिक पोस्ट डाला था। जिसमें परियोजना अधिकारी सुधारानी शर्मा (sudharani sharma) ने लिखा था कि चौकीदार से डर की असली वजह यह है कि चौकीदार कालेधन (balck money) के करीब पहुंच गया है। इतना ही नहीं परियोजना अधिकारी सुधारानी शर्मा ने इंदिरा गांधी फॉर्म हाउस (indira gandhi farm house) की जमीन को प्रियंका गांधी (priyanka gandhi) और उनके पति रॉबर्ट वाड्रा (robert vadra) द्वारा खरीदा जाना भी बताया है। इस पोस्ट में सुधारानी शर्मा द्वारा कांग्रेस पार्टी पर कई तरह के आरोप भी लगाए गए हैं।
जिसके बाद एक तरफ जहां अधिकारीगण इस पोस्ट से हरकत में आ गए हैं। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी परियोजना अधिकारी पर कार्रवाई की मांग कर दी है। अधिकारियों की माने तो सार्वजनिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शासनिक सेवा में रह रहे लोगों को इस तरह की पोस्ट को कदाचार की श्रेणी में माना जाता है और यह पोस्ट आचरण 1965 के नियम 4 का सीधा सीधा उल्लंघन है।
मामला के सामने आने के बाद कांग्रेस महिला अधिकारी के विरोध में दंडित कार्रवाई करने की मांग कर रही है। इतना ही नहीं कांग्रेस का कहना है कि अगर महिला अधिकारी पर कार्रवाई नहीं की गई तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। मामले में अशोकनगर कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष हरिसिंह रघुवंशी का कहना है कि परियोजना अधिकारी द्वारा सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट की जानकारी मिली है। परियोजना अधिकारी भारतीय जनता पार्टी के एजेंट के रूप में कार्य कर रही हैं। पार्टी, पदाधिकारी, विधायक की अगुआई में जल्द कलेक्टर से मिलकर कड़ी कार्रवाई की मांग की जाएगी।
इस मामले में ईसागढ़ एसडीएम विजय यादव का कहना है कि किसी भी शासकीय अधिकारी और कर्मचारी द्वारा सार्वजनिक रूप से राजनीति पोस्ट कदाचार की श्रेणी में आता है। परियोजना अधिकारी द्वारा की गई पोस्ट आचरण 1965 के नियम का उल्लंघन है। हालांकि इस मामले में जिला कार्यक्रम अधिकारी की तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।