100 फीट ऊंचे तिरंगे के नीचे सामूहिक राष्ट्रगीत एवं राष्ट्रगान का हुआ आयोजन

Gaurav Sharma
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अशोकनगर, हितेंद्र बुधौलिया। शहर में महीने की पहली तारीख को 100 फीट ऊंचे तिरंगे के नीचे सामूहिक राष्ट्रगीत एवं राष्ट्रगान हुआ है। अशोकनगर शहर वासियों में राष्ट्रीय भावना को बनाए रखने और देश प्रेम को जागृत करने के लिए अशोकनगर शहर के समाज सेवी संगठन पछार क्लब ने 8 महीने पहले एक अनोखी पहल शुरु की थी,जिसमें सामूहिक राष्ट्रीयगीत और राष्ट्रगान का आयोजन शुरू किया गया था। जो हर माह की पहली तारीख को सुबह 8:00 बजे किया जाता है, जिसमे हर वर्ग के लोग जुड़ते है।

कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन और तमाम मौसम की विपरीत परिस्थितियों के बाद भी यह क्लब इस आयोजन को निरन्तर करता आ रहा हैं। दरअसल अशोकनगर के रेल्वे स्टेशन के सौंदर्यकरण के दौरान यहां 100 फीट ऊंचा तिरंगा लगाया था।इस स्थान राष्ट्रीय महत्व के कार्य से जोड़ने के लिये पछार क्लब ने यहां यह शुरुआत की है, जिसमे सेकड़ो लोग शामिल होते है। क्लब के सदस्य एवं पूर्व विधायक जजपाल सिंह जज्जी ने बताया कि राष्ट्रगीत एवं राष्ट्रगान लोगों के जीवन में औपचारिक बनकर रहे गए है।इस आयोजन के द्वारा राष्ट्रीय महत्त्व के विषयो को जन सामान्य में जागरुकता के साथ निरंतर आगे बढ़ाया जा रहा है


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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