अशोकनगर, हितेंद्र बुधौलिया। कांग्रेस पार्टी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी के जिला अध्यक्ष हरि सिंह रघुवंशी का कुछ देर के लिए कुर्सी से खड़ा होने का मामला सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। भाजपा समर्थकों ने इसे पार्टी के जिलाध्यक्ष की उपेक्षा का मामला बताते हुये इसे रघुवंशी समाज की उपेक्षा से जुड़ा बताया गया।
ये वाकया पूर्व मंत्री पीसी शर्मा की प्रेस कान्फ्रेंस का है। इस मामले ने तब तूल पकड़ा जब इसे चुनावी चर्चा से जोड़ा गया क्योकि अशोकनगर विधानसभा में रघुवंशी समाज का बाहुल्य है। ऐसे में कांग्रेस को नुकसान से बचाने के लिये जिलाध्यक्ष हरिसिंह रघुवंशी को सामने आना पड़ा। उन्होंने कहा कि उनका कोई अपमान नहीं हुआ बल्कि उन्होंने खुद पार्टी की महिला प्रत्याशी के लिये कुर्सी छोड़ी थी।
बता दें कि गुरूवार दोपहर प्रदेश के पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, पोहरी से कांग्रेस उम्मीदवार हरि वल्लभ शुक्ला ,कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शहरयार खान एवं कुछ अन्य लोगों के साथ जिला अध्यक्ष हरि सिंह रघुवंशी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे। इसी बीच पार्टी की प्रत्याशी आशा दौहरे वहां आई और उनको बैठने के लिए जिला अध्यक्ष ने अपनी कुर्सी छोड़ दी। कुर्सी पर आशा दौहरे बैठ गई और कुछ देर प्रेस कॉन्फ्रेंस चलती रही। इस दौरान जिला अध्यक्ष खड़े रहे जबकि कार्यकारी जिलाध्यक्ष राजेंद्र कुशवाहा एवं दूसरे लोग बैठे रहे। कुछ देर बाद मंच पर एक और कुर्सी आई जिस पर जिलाध्यक्ष हरिसिंह बैठ गए।
अब इसी मुद्दे को लेकर कुछ लोगों ने इसे हरि सिंह रघुवंशी की उपेक्षा एवं अपमान का मामला बताकर सोशल मीडिया पर खूब उछाला है। साथ ही तुलना की कि बीजेपी का जिला अध्यक्ष भी रघुवंशी समाज से हैं और उनको मुख्यमंत्री तक के कार्यक्रमों में सम्मान के साथ मंच पर बिठाया जाता है। जबकि कांग्रेस जिलाध्यक्ष को पार्टी लगातार उपेक्षित एवं अपमानित करती है। साथ ही कुछ पोस्ट डाली गई कि कांग्रेस को इसका खामियाजा चुनाव में उठाना पड़ेगा। रघुवंशी समाज द्वारा इस के विरोध की बातें लिखी गई।
मामले के तूल पकड़ने के बाद कांग्रेस के जिलाध्यक्ष हरीसिंह रघुवंशी ने एक वीडियो जारी कर इस घटना का खंडन किया। उनका कहना है कि वह एवं उनकी पार्टी पूरी तरह संस्कारित है। महिलाओं को सम्मान देने की खातिर उन्होंने पार्टी की महिला प्रत्याशी आशा दौहरे के सम्मान में अपनी कुर्सी छोड़ी थी और कुछ देर बाद मंच पर दूसरी कुर्सी लगा दी गई थी जिस पर वह बैठे थे। मगर कुछ लोग जानबूझकर इसे मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं जो कि सरासर गलत है।