उपज की कम बोली लगाने पर नई गल्ला मंडी में किसान एवं व्यापारियों में हुआ विवाद, मारपीट के लागए आरोप

Amit Sengar
Published on -

अशोकनगर, हितेंद्र बुधौलिया। नवीन कृषि उपज मंडी में धान की डाक बोली के दौरान किसानों और व्यापारियों (farmers and traders) में विवाद हो गया। धान की कम बोली से किसान उग्र हो गये। व्यापारियों का आरोप है की किसानों नें एक व्यापारी के साथ मारपीट कर दी, इसके बाद में मंडी सचिव के साथ व्यापारी सिटी कोतवाली पहुंचे और इसकी शिकायत की, लेकिन फिर बाद मेें एफआईआर दर्ज नही कराई गई। विवाद के कारण हजारों क्विंटल उपज की डाक बोली नहीं हो पाई। किसानों का आरोप है कि व्यापारी एक राय होकर धान की कम बोली लगा रहे हैं। दूसरी ओर व्यापारियों का कहना है कि मंडी में 2700 से 2950 तक धान खरीदा जा रहा है जिस धान की क्वालिटी खराब है उसके दाम कम मिलते ही हैं।

यह भी पढ़े…डकैत गुड्डा गुर्जर का ग्वालियर पुलिस ने किया एनकाउंटर, पैर में लगी गोली, अस्पताल में भर्ती

बता दें कि नवीन गल्ला मंडी में दोपहर 1 बजे डाक बोली शुरू हुई। 15 मिनिट बाद ही विवाद के दौरान कुछ किसानों ने व्यापारी मनोज जैन के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए मारपीट कर दी। नाराज व्यापारियों ने डाक बोली बंद कर दी। डाक बोली बोल रहे मंडी कर्मचारी ने इसकी सूचना मंडी सचिव को दी, जिसके बाद मंडी सचिव भागीरथ प्रसाद मंडी में पहुंचे और विवाद सुलझाने की कोशिश की लेकिन किसान अधिक दाम लगाने को लेकर अड़े हुए थे, जिससे डाक बोली शुरू नहीं हो पाई। कृषक जसवंत सिंह ने बताया कि जिस धान की कीमत दो हजार, तीन हजार है उसकी रेट व्यापारी 1200 लगा रहे हैं। कोटा मंडी में 3300 रुपये प्रति क्विंटल में धान बिक रहा है। आज गल्ला मंडी में धान की सबसे ज्यादा रेट 2700 रुपये रही है। जिस धान को आज व्यापारी 1200 में खरीदते हैं उसी को एक दिन पहले 1500 रुपये में भी खरीद रहे हैं वहीं कृषक प्रदीप रघुवंशी ने बताया कि व्यापारी मन के भाव लगा रहे हैं। व्यापारी मंडी में नहीं आते हैं बाहर के बाहर माल खरीद लेते हैं। दूसरी मंडियों की अपेक्षा या 1200 से 1300 रुपये कम लगाए जा रहे हैं। ऐसे में किसानों के सामने कोटा या दूसरी मंडियों में धान बेचने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। डाक बोली भी 1 बजे से होती है इससे किसान घर नहीं जा पाते हैं न ही खाद आदि खरीद पा रहे हैं।

यह भी पढ़े…ECIL Recruitment: इंजीनियर के लिए नौकरी का सुनहरा मौका, निकली कई पदों पर भर्ती, इंटरव्यू के आधार पर चयन, जानें डीटेल

जिस व्यापारी के साथ हुई अभद्रता उन्होंने बताई आपबीती
बुधवार को जिस व्यापारी के साथ अभद्रता की घटना हुई है, उन्होंने बताया कि मैं खड़ा था उसी दौरान एक किसान आए और कहने लगे कि आप मेरे धान का भाव लगाओ, मैंने मना किया लेकिन वह जबर्दस्ती करने लगे। इसी दौरान सैकड़ों किसान आ गए, इस कारण मुझे अभद्रता करने वाले किसान का पता नहीं है। ट्राली का माल भी गीला था इसलिए मैंने कुछ भी भाव बताने से इनकार कर दिया लेकिन वह जबरन भाव लगाने को लेकर विवाद करने लगा। अच्छा धान 2900 रुपये में भी खरीदा गया है। यहां किसान क्वालिटी बनाकर धान नहीं ला पा रहे हैं न तो धान को साफ करके ला रहे हैं और न ही सुखाकर।

यह भी पढ़े…घर में सो रही लड़की को अगवा कर किया दुष्कर्म, जानें पूरा मामला

मंडी सचिव भागीरथ प्रसाद ने बताया कि सूचना मिलने के बाद मैं नई गल्ला मंडी पहुंचा, मैंने देखा कि किसानों ने डाक बोली रोक रखी है और कह रहे थे कि व्यापारी हमारा माल कम कीमत में खरीद रहे हैं। इसके बाद मैंने खुद ने तीन-चार ट्राली की बोली लगवाई। इस दौरान 2900 रुपये भी डाक बोली लगी। इसके बाद भी किसान कहने लगे कि हमारा धान कोटा से कम दाम में खरीदा जा रहा है, इस कारण हम डाक बोली नहीं होने देंगे और इसका विरोध करेंगे। मैंने उन्हें बहुत समझाया लेकिन वह नहीं माने। किसानों ने व्यापारी को मारा जिसका बचाव कर उसे सुपरवाइजर के माध्यम से सुरक्षित ऑफिस में पहुंचाया। किसानों का यह आरोप भी गलत है कि भाव में कोई कमी है। जैसी धान की क्वालिटी होती है वैसा ही कृषक को भाव मिल रहा है।

यह भी पढ़े…जमीन में गढ़ा मिला डबल मनी का धन, चार आरोपी गिरफ्तार, 34 लाख 60 हजार रूपये बरामद

पुरानी मंडी में भी रुकी डाक बोली, किसानों ने दिया धरना
नई मंडी में विवाद की सूचना मिलने के बाद पुरानी गल्ला मंडी में भी व्यापारियों ने डाक बोली रोक दी। व्यापारियों का कहना है कि सुरक्षा के इंतजाम न होने से डाक बोली रोकी गई है। जब तक व्यापारियों की सुरक्षा के इंतजाम नहीं होते तब तक डाक बोली संभव नहीं है। दूसरी ओर डाक बोली रुकने से परेशान किसानों ने पुरानी गल्ला मंडी के गेट पर धरना दिया। विवाद के कारण दोनों मंडियों में हजारों क्विंटल उपज की डाक बोली प्रभावित हुई।


About Author
Amit Sengar

Amit Sengar

मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

Other Latest News