MP News : पूर्व मे प्रदेश के बड़े व्यापम घोटाले के बाद हाल में व्यापम से हुई पटवारी परीक्षा में घोटाले की शिकायते सामने आई हैं। इस परीक्षा एवं इसके परिणाम के दौरान हुई कुछ अनियमितताओं ने पटवारी परीक्षा को संदेह के घेरे मे ला खड़ा कर दिया हैं। मेरिट में ग्वालियर के एक ही निजी कॉलेज के कई सारे विद्यार्थियों के आने और उन सभी के सिग्नेचर हिंदी में होने के कारण इस परीक्षा पर सवालिया निशान खड़े हुए हैं। इस भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाने वाले अशोकनगर के गौरव त्रिपाठी का कहना है कि सरकार चाहती तो इस भ्रष्टाचार और घोटाले को रोका जा सकता था मगर सरकार ने जानबूझकर उसे नजरअंदाज किया, जिसके कारण यह घोटाला हुआ है। त्रिपाठी का कहना है कि परीक्षा से पहले ही एक सॉल्वर गैंग पकड़ा हुआ था मगर सरकार ने इस पर उचित जांच नहीं करवाई इस कारण इस तरह की अनियमितता सामने आई है।
उल्लेखनीय है कि बीते माह जारी हुई व्यापम की भर्ती परीक्षा में पटवारी सहित कुछ दूसरे पदों पदों की नौ हजार रिक्तियों पर 10 लाख से ज्यादा परीक्षार्थी शामिल हुए थेl अमूमन व्यापम इस तरह की परीक्षाओं की मेरिट जारी करती है। मगर इस परीक्षा की मेरिट जारी न करने के कारण व्यापम फिर से संदेह के घेरे में आया। जब मेरिट घोषित करने का मामला तूल पकड़ा तो व्यापम ने मेरिट लिस्ट घोषित कर दी और जिसका अंदेशा लोगों के द्वारा बताया जा रहा था वही सामने आया।
गौरव त्रिपाठी का कहना है ग्वालियर के एनआरआई कॉलेज इस पूरे घोटाले का केंद्र रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कॉलेज भाजपा से जुड़े लोगों से संबंधित है। उनका कहना है कि अभी तक तो सिर्फ लोगों को यही पता है कि मेरिट में आए 10 में से 7 लोग इसी परीक्षा केंद्र के हैं। जबकि एक और बड़ी तहकीकात इस मामले में यह सामने आई है कि मेरिट से नीचे और अधिकतम अंक लाने वाले कई सारे लोग इसी केंद्र के परीक्षार्थी रहे हैं।
हिंदी मे हस्ताक्षर मेरिट लिस्ट में जो लोग आए हैं।उन उनमें से ज्यादातर ने हस्ताक्षर हिंदी में किए हैं। यहीं से इस पूरे घोटाले पर संदेह शुरू होता है। क्योंकि अमूमन इस तरह की परीक्षा में बैठने वाले छात्र हिंदी में कम ही हस्ताक्षर करते हैं। हालांकि गौरव त्रिपाठी ने इसका स्वागत किया है कि अगर सब कुछ ठीक है तो हिंदी में स्वागत योग्य हैं। साथ ही उन्होंने कहा तीन की परीक्षा माध्यमों एवं पूर्व के हस्ताक्षरो की जांच की जानी चाहिए। उन्हें आशंका व्यक्त की है कि जानबूझकर हिंदी में सरल अक्षरो मे सिंगनेचर कराए गए हैं।
उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि यहीं से सॉल्वर गैंग के केस में शामिल होने की आशंका दिखाई देती है। क्योंकि परीक्षा से पहले ही इस तरह की गैंग पकड़ी जा चुकी थी। मगर समय रहते प्रशासन ने इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। अगर उस समय इस गैंग से जुड़े चीजों को खंगाला गया होता तो सच सामने आ जाता। बताया जा रहा है कि कांग्रेस अब इस को लेकर आक्रामक रूप में इसको उजागर करने की तैयारी में हैं।
अशोकनगर से हितेंद्र बुधौलिया की रिपोर्ट