महीनों पहले करोड़ों का घोटाला करने वाले पटवारी पर नहीं हुई कार्रवाई, जांच अधिकारी मौन

Updated on -

मुंगावली, स्वदेश शर्मा। अभी तक सुना था कि राजस्व विभाग (Revenue Department) के कर्मचारी जिस व्यक्ति पर मेहरवान हो जाये उनकी तकदीर और तस्वीर दोनों बदल देते हैं। लेकिन ऐसा हकीकत में करके दिखाया है बहादुरपुर तहसील के गांव बीलाखेड़ा, पीपलखेड़ा व चमराई गाँव पर तैनात रहे तत्कालीन पटवारी (Patwari) रवि बनिया ने। जिसने अपने चहेतों को रातों रात जागीरदार बना दिया। इसने लोगों को न केवल इस शासकीय जमीन पर पट्टा आवंटित कर दिये, बल्कि अधिकारियों के हस्ताक्षर करके उनको भू-अधिकार पुस्तिका भी बनाकर दे दीं हैं। लेकिन चौकाने वाली बात यह है कि यह पटवारी लगातार इस करोड़ों की भूमि पर लोगों को पट्टे के साथ-साथ भू अधिकार पुस्तिका देता रहा लेकिन किसी भी जिम्मेदार अधिकारी की नजर इस ओर नही गई।

शिकायत होने के बाद अधिकारियों द्वारा इस पटवारी को निलंबित तो कर दिया लेकिन आज भी उक्त आरोपित पटवारी उन्ही गांवों में कार्य कर रहा हैं । जबकि निलंबन के समय कोई भी कर्मचारी को उसी गाँव में कार्य करने की कतई अनुमति नहीं दी जा सकती। जिसको देखकर लगता है कि अधिकारियों द्वारा करोड़ो के भ्रष्टाचार में लिप्त इस पटवारी के मामले को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है ।

यह भी पढ़ें…Solar Eclipse 2021: सूर्यग्रहण के दौरान दिखा Ring of Fire का अद्भुत नजारा, देखें तस्वीरें

महीनों में भी जांच अधिकारी का इंतजार
करोड़ों के हुए इस जमीन घोटाले मामले में देखा जाए तो अधिकारी ज्यादा गंभीरता बरतते नजर नही आ रहे हैं। यह इसलिए कहा जा सकता है कि जब इस मामले में बहादुरपुर तहसीलदार सोनू गुप्ता से जानना चाहा तो इन्होंने मामले की जानकारी देते हूए बताया कि अभी उक्त पटवारी पीपलखेड़ा, बीलाखेड़ा व चमराई गांव में वैक्सीनेशन का कार्य देख रहा है और उसकी ड्यूडी वैक्सीनेशन में वहां लगाई गई है। और जो पूरा मामला है उसकी जांच मुंगावली तहसीलदार (Mungaoli Tehsildar) दिनेश सांवले देख रहे हैं। वहीं मुंगावली तहसीलदार दिनेश सांवले से जब मामले में जानकारी चाही तो उन्होंने कहा कि उक्त मामला बहादुरपुर का था। तो जांच मैं नहीं कर रहा हूँ। और उक्त पटवारी की विभागीय जांच चल रही है। जिसको सुनने में बाद यही कहा जायेगा कि करोड़ो के भ्रष्टाचार के सामने आने के महीनों बीत जाने के बाद आज भी जांचकर्ता अधिकारी का इंतजार है।

क्या पूरे मामले में कोई अधिकारी भी है शामिल ?
इस मामले में देखा जाए तो अभी तक अधिकारियों ने जो बताया वह की यहां पटवारी रवि बनिया ने लोगों को फर्जी तरीके से शासकीय जमीन पर पट्टा दे दिए थे। जिसकी जांच की जा रही है। लेकिन पूरे मामले को देखा जाए तो उक्त पटवारी ने जिन लोगों को पट्टे दिए थे, उनको विधिवत अधिकारियों के हस्ताक्षर करके भू अधिकार पुस्तिका भी दीं थी। जिनको देखकर सवाल यह उठता है कि क्या उक्त पटवारी द्वारा अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर किए या फिर कोई अधिकारी भी इस घोटाले में शामिल था।

प्रत्येक वर्ष बदलते रहे भूमि के मालिक
इन गांवों में किस तरह पटवारी के द्वारा सारे नियमों को ताख पर रखकर और अधिकारियों की कार्रवाई को अनदेखा करते हुए खुला खेल खेला गया। उसका अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि एक-एक जमीन जैसे बीलाखेड़ा गाव का सर्वे नम्बर 268/18/1/30 2011-12 व 2013-14 ₹ में प्रकाश सिंह अहिरवार के नाम पर रही लेकिन 2015-16 में राजस्व रिकॉर्ड में इसको शासकीय घोषित कर दिया गया। 2017-18 में यह जमीन राजेश पुत्र पहलवान यादव के नाम दर्ज हो गई । वहीं 2019-20 में यह जमीन ब्रजेशबाई पत्नि दिनेश यादव के नाम पर हो गई। उसके बाद 2021-22 में यह जमीन पुनः राजेश पुत्र पहलवान यादव के नाम हो गई। और वर्तमान में इस जमीन का कोई रिकॉर्ड नही दिख रहा है। यह तो सिर्फ एक बानगी है ऐसे लगभग आधा दर्जन लोग हैं।

यह भी पढ़ें… गुना : प्रताड़ना से तंग होकर सीएसी ने खाया जहर, हालत नाजुक, जिला अस्पताल में कराया भर्ती

लाखों रुपये लेने का लग रहा आरोप
इस पूरे मामले में देखा जाए तो पटवारी रवि बनिया पर लोगों से लाखों रुपये लेकर पट्टे देने का आरोप लग रहें हैं। और ऐसी ऑडियो भी वायरल हो रही हैं। वहीं इस मामले में जब पटवारी से बात की गई तो वह अपने ऊपर लग रहे आरोपों को निराधार बता रहे हैं। अब देखना यह होगा कि करोड़ों के भ्रष्टाचार के मामले में जांचकर्ता अधिकारियों द्वारा इन कॉल रिकॉर्डिंगों को शामिल किया जाता है या फिर अनदेखा किया जाएगा।

महीनों पहले करोड़ों का घोटाला करने वाले पटवारी पर नहीं हुई कार्रवाई, जांच अधिकारी मौन


About Author

Harpreet Kaur

Other Latest News