चूहों से परेशान लोग नगर पालिका के सामने धरने पर बैठे, नपा दफ्तर में चूहे छोड़ने की धमकी

People troubled by rats sat on a dharna : महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी सहित तमाम मुद्दों पर आपने विरोध प्रदर्शन0 देखा होगा। लेकिन क्या कभी ये सोचा है कि चूहों के कारण भी लोग धरने पर बैठ सकते हैं। हालांकि ये बात थोड़ी अजीब लगती है, लेकिन ऐसा ही एक अजीबोगरीब वाकया हुआ अशोकनगर में।

शहर के वार्ड नंबर 18 के लोग ‘चूहों’ से बचाने की मांग करते हुए नगर पालिका के सामने धरने पर बैठ गए। इनके साथ वार्ड के पार्षद रितेश जैन भी धरने पर बैठे थे। पुराना बाजार एवं कन्या स्कूल का इलाका वार्ड नंबर 18 में आता है। यहां पर इन दिनों चूहों का आतंक इतना बढ़ गया है कि लोगों का सब्र चुक गया है। ये इनके मकान, दुकान, नालियों, सड़कों और अन्य स्थानों पर भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। आखिर में त्रस्त होकर ये लोग कुछ चूहों को चूहेदानी में बंद करके नगर पालिका दफ्तर पहुंचे और वहां धरने पर बैठ गए। इनका कहना था कि नगर पालिका चूहे पकड़ने और इनसे निजात दिलाने में मदद करे अन्यथा वो इन चूहों को यहीं छोड़ देंगे। प्रदर्शनकारी मयंक भार्गव का कहना है वे लंबे समय से नगरपालिका से जुड़े लोगों से इन चूहों से मुक्ति दिलाने की मांग कर रहे हैं लेकिन अब तक किसी ने उनकी बात नहीं सुनी है। पार्षद का भी कहना है कि वे लगातार नगर पालिका सीएमओ और दूसरे अधिकारियों को इस समस्या के बारे में बता रहे हैं, मगर इसपर किसी ने ध्यान नहीं दिया, इसीलिए आज वे सब नगर पालिका में चूहे छोड़ने के लिए आए हैं।

लेकिन नगर पालिका अध्यक्ष ने स्पष्ट कह दिया है कि चूहे पकड़ने का काम उनका नहीं है। अध्यक्ष नीरज मनोरिया ने कहा कि चूहे पकड़ने का काम नगर पालिका का नहीं है। इसी के साथ उन्होने कांग्रेस के वार्ड पार्षद पर जबरन राजनीति करने का आरोप भी लगाया। लेकिन लोग अब किसी भी रह से मानने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि चूहों ने पूरे इलाके की नालियों को खोद दिया है जिस कारण वह चोक हो गई हैं। वहीं नई सड़कों को भी चूहों ने खराब कर दिया है। बड़े बड़े आकार के चूहे घरों में आतंक मचा रहे हैं। वहीं रोज रात को सैकड़ों चूहे सड़कों पर वाहनों से कुचलकर मर जाते हैं जिस कारण बीमारी फैलने का खतरा भी बढ़ गया है। अब एक तरफ स्थानीय निवासी हैं जो नगर पालिका में चूहे छोड़ने तक के लिए आमादा हो गए हैं और दूसरी तरफ नगर पालिका है जिसने साफ कह दिया है कि चूहे पकड़ना उनका काम नहीं है। ऐसे में देखना होगा कि इस समस्या का आखिर क्या समाधान निकलता है।

अशोकनगर से हितेंद्र बुधौलिया की रिपोर्ट

 


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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