अशोकनगर उपचुनाव : कांग्रेस प्रत्याशी का मौन धरना, आमरण अनशन की नहीं मिली अनुमति

Pooja Khodani
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अशोकनगर, हितेन्द्र बुधौलिया। मध्यप्रदेश उपचुनाव (Madhya Pradesh By-election) से पहले सियासत में अलग अलग रंग देखने को मिल रहे है। कभी विवादित बयानों की बौछार हो रही है तो कभी वायरल वीडियो (Viral Video) हलचल मच रहे है। अब अशोकनगर विधानसभा सीट (Ashoknagar Assembly Seat) से कांग्रेस प्रत्याशी आशा दोहरे (Congress candidate Asha Dohere)  करीब 3 दर्जन कांग्रेसियों के साथ गांधी पार्क पर मौन धरने पर बैठ गई हैं। कांग्रेस उम्मीदवार ने रिटर्निंग अधिकारी रवि मालवीय (Returning Officer Ravi Malviya) पर कई गंभीर आरोप लगाये है।

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता शहरयार खान (Congress state spokesperson Shaharyar Khan) का कहना है कि प्रशासन पूरी तरह से BJP के पक्ष में काम कर रहा है। उन्होंने रिटर्निंग ऑफिसर रवि मालवीय पर भी आरोप लगाए हैं कि रिटर्निंग ऑफिसर ने उनके द्वारा की गई शिकायतों पर उचित कार्रवाई नहीं की। उनका कहना है कि पहले पार्टी की प्रत्याशी के द्वारा आमरण अनशन की परमिशन मांगी वह भी नहीं दी गई ।इसके बाद मौन धरने के लिए भी परमिशन भी मांगी वह भी नही मिली मजबूरन बिना अनुमति के मौन धरने पर बैठना पडा है।

कांग्रेस प्रत्याशी आशा दोहरे का सीधा-सीधा आरोप है कि जिला निर्वाचन अधिकारी अभय वर्मा (District Election Officer Abhay Verma) और रिटर्निंग ऑफिसर रवि मालवीय भाजपा प्रत्याशी जजपाल सिंह जज्जी (BJP candidate Jajpal Singh Jadji) को चुनाव में लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से कार्य कर रहे हैं। उनका कहना है कि इन दोनों अधिकारियों के रहते अशोकनगर विधानसभा में निष्पक्ष मतदान नहीं हो सकता। कांग्रेस प्रत्याशी आशा दौहरे ने जिला निर्वाचन अधिकारी से मांग की है कि चुनाव का निष्पक्ष और स्वतंत्र संचालन हो इस मांग को लेकर अनशन पर बैठना मेरा संवैधानिक अधिकार है। इसे लेकर उन्होंने जिला प्रशासन से दिनांक 25 अक्टूबर को सुबह 10:00 बजे भूख हड़ताल पर बैठ कर अपने संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की मांग की जाने की बात की है।

बता दे कि शनिवार को आशा दोहरे ने जिला निर्वाचन अधिकारी से अनशन पर बैठने की अनुमति की मांग को लेकर एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी शिकायतों पर उचित कार्यवाही नहीं हो रही है इसलिय स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की संवैधानिक मांग को लेकर वो अनशन पर बैठने की अनुमति चाहती हैं। उन्होने आज रविवार 25 अक्टूबर को अपने परिवार के साथ अनशन पर बैठने की बात पत्र में लिखी था, लेकिन अनुमति नही दी गई तो वे धरने पर बैठ गई है।

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