राजनीति के बदलते समीकरण ,विरोधी रहे मंत्री पहुंचे BJP सांसद के घर

अशोकनगर।हितेन्द्र बुधौलिया।

2 दिन पहले तक अशोकनगर भारतीय जनता पार्टी (Ashoknagar Bharatiya Janata Party) के अंदर सिंधिया एवं केपी यादव (Scindia and KP Yadav) के बीच दिख रही गुटबाजी अचानक खत्म होती नजर आ रही है। मंगलवार को अशोकनगर विधानसभा की वर्जुअल रैली के दौरान सांसद एवं सिंधिया के बीच हुए संवाद के बाद आज एक और नई तस्वीर सामने आई है। 6 महीने पहले जिन ब्रजेन्द्र सिंह यादव (Brajendra Singh Yadav) ने सासंद केपी यादव के खिलाफ मोर्चा खोला था एवं माना जा रहा था कि सांसद केपी यादव को कमजोर करने के लिये सिंधिया ने ब्रजेन्द्र सिंह यादव का मंत्री बनवाया है, वही मंत्री जी आज बिना पूर्व कार्यक्रम के सांसद केपी यादव के निवास पर उनसे मिलने पहुंचे।

भाजपा भले ही इसे सामान्य शिष्टाचार की मुलाकात बता रही है।मगर बदली राजनैतिक परिस्थियों में इस बैठक के कई मायने लगाए जा रहे है। दोनों के बीच विदिशा रोड स्थित सांसद केपी यादव के निवास पर करीब आधा घण्टे से अधिक समय तक बातचीत हुई।मुलाकात के दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष उमेश रघुवंशी भी मौजूद रहे। उनका कहना है यह शिष्टाचार की बैठक थी।इस मुलाकात में आगामी समय मे मुंगावली एवं अशोकनगर विधानसभा में होने बाले उप चुनाव को लेकर बातचीत हुई है।दोनो सीटें जीतने के लिए सांसद एवं मंत्री ब्रजेन्द्र सिंह यादव के बीच चर्चा हुई है।

बदले समीकरण तीन माह पहले सिंधिया एवं ब्रजेन्द्र सिंह यादव भले बीजेपी में आ गए थे। मगर सांसद केपी यादव इनके भाजपा में आने पर खामोश बने रहे थे। ब्रजेन्द्र यादव के मंत्री बनने के बाद भी सांसद की ओर से कोई प्रतिक्रिया नही आई थी।दो दिन पहले मुंगावली विधानसभ की वर्जुअल रैली मे भी सांसद केपी यादव नदारद रहे थे। इसी के बाद सिंधिया एवं सांसद के बीच अनबन एवं गुटबाजी की खबरे आम हुई तो दूसरे ही दिन अशोकनगर को रैली में दोनों साथ दिखे।सिंधिया एवं केपी के साथ आने के दूसरे ही दिन मंत्री एवं सांसद की भी मुलाकात चुनाव से पहले एक बड़ा सन्देश देने की कोशिश है। माना जा रहा है कि इसके पीछे बीजेपी की रणनीति रही है। कुछ दिन पहले भाजपा की गुटबाजी को कांग्रेस ने हवा देने की कोशिश की थी । सांसद केपी यादव को कॉन्ग्रेस में आने का निमंत्रण दे दिया था। पूर्व में भाजपा सांसद के भाई भी कॉन्ग्रेस नेता सचिन यादव से मुलाकात कर चुके हैं। चूकि मुंगावली विधान सभा यादव बाहुल्य सीट है ।ऐसे में सामाजिक तौर पर मंत्री ब्रजेन्द्र यादव एवं सांसद केपी यादव दोनों को एक बताने की यह सोची समझी रणनीति भी मानी जा रही है।

रिस्तेदार भी, विरोधी भी के पी यादव एवं मंत्री ब्रजेन्द्र यादव आपस मे निकट के रिश्तेदार है। दोनों के बीच में चाचा भतीजे का रिश्ता है। सांसद के पी यादव के पिता और मंत्री ब्रजेन्द्र सिंह आपस में मामा बुआ के लड़के है। मगर ढाई साल पहले केपी यादव के bjp में जाने के बाद इन दोनों के बीच राजनैतिक विरोध शुरू हो गया था ।बीते विधानसभा चुनाव में दोनों एक दूसरे के खिलाफ चुनाव भी लड़े थे। जिसमें बृजेंद्र सिंह यादव ने केपी यादव को करीब 2 हजार मतों से हराया था। इन दोनों के बीच राजनैतिक विरोध खुले तौर पर उस समय दिखा । जब सिंधिया को चुनाव हरा कर केपी सांसद बने तो उनके एवं सांसद के पुत्र के जाति प्रमाण पत्र को लेकर बृजेंद्र यादव ने शिकायत की थी,इसी मामले में सांसद एवं उनके पुत्र पर मामला तक दर्ज हो गया था।

 


About Author
न्यूज डेस्क, Mp Breaking News

न्यूज डेस्क, Mp Breaking News

Other Latest News