अशोकनगर/मुंगावली, स्वदेश शर्मा| एक ओर जहां आजकल महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी (Minister Imarti Devi) कुपोषण को दूर करने को लेकर आंगनवाडियों (Aanganbadi) में बच्चों को अण्डा खिलाने को लेकर चर्चा में हैं। और प्रदेश से कुपोषण दूर करने की बात कहती नजर आ रहीं हैं। लेकिन बात की जाए मुंगावली ब्लॉक (Mungawali BLock) की तो यहां आज भी आदिवासी व अन्य गरीब परिवार आज भी महिला बाल विकास विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनायों से कोसों दूर हैं और इनके बच्चों ने आंगनवाड़ी केंद्रों का मुंह तक नही देखा हैं। जिसको देखकर यही कहा जायेगा कि प्रशासन व नेता भले ही कितने ही दावे करें लेकिन आज भी हजारों परिवार शासन द्वारा संचालित योजनायों से कोसों दूर नजर आ रहे हैं।
ग्रामीण बोले कैसी होतीं हैं आँगनवाड़ी:-
क्षेत्र में किस तरह ग्रामीण शासन की सबसे महत्वपूर्ण योजना से दूर हैं इसका अंदाजा मुंगावली ब्लॉक की काछी बरखेड़ा पंचायत के खजुरिया चक्क, व खैरोदा चक्क व अन्य कई आदिवासी गांवों को देखकर लगाया जा सकता है। जब इन गांवों मैं पहुँचकर गरीब परिवारों के लोगों से आँगनवाड़ी केंद्रों के बारे में जानकारी ली तो यह लोग बोले कैसी होतीं हैं आंगनवाडिया। हम लोग आज तक नही गए आंगनवाड़ी केंद्र न आज तक मिली कोई सामग्री। हमारे गाव में नही है कोई आंगनवाडी।
गाँव से दूर आंगनवाड़ी केंद्र कैसे मिले योजना का लाभ:-
यदि मुंगावली ब्लॉक में देखा जाए तो आदिवासी व अन्य गरीब परिवारों के गांवों से बाहर चक्क बने हुये हैं। और आंगनवाड़ी केंद्रों से इन चक्कों की दूरी काफी ज्यादा रहती है जिसके चलते यहां निवास करने वाले गरीब परिवारों के बच्चे कभी आंगनवाड़ी केंद्रों का न तो मुँह देख पाते हैं और न ही शासन द्वारा संचालित कुपोषण मुक्त योजनाओं का लाभ ले पाते हैं। जिसके चलते कुपोषण समाज से दूर नही हो पा रहा है। जबकि देखा जाए तो महिला बाल विकास विभाग की जिम्मेदार अधिकारी व कार्यकर्ताओं को सप्ताह में एक दिन जाकर आंगनवाड़ी केंद्रों से दूर बसे गांवों में पहुँचकर योजनाओं का लाभ देना चाहिए जबकि यहां कार्यकर्ता कभी पहुँचती ही नही हैं।
भगवान भरोसे महिला बाल विकास विभाग:-
महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी भले ही दिन रात मेहनत करके प्रदेश से कुपोषण दूर करने की की बात कहती नजर आतीं हैं लेकिंन बात की जाए मुंगावली ब्लॉक की तो यहां महिला बाल विकास विभाग भगवान भरोसे ही नजर आ रहा है। यहां आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपनी मनमर्जी से कार्य कर रहीं हैं। और जब इस बारे में विभाग की जिम्मेदार अधिकारी से बात की जाती है या जानकारी ली जाती है तो यह जानकारी न होने की बात कहकर दिखबाने की बात कहती नजर आतीं है।
इनका कहना है।
यदि ऐसा है तो आपके द्वारा बताया गया है जिसके आधार पर जांच कराई जाएगी और कोई भी गरीब परिवार शासन की योजना से वंचित नहीं रहेगा।
इस पूरे मामले में जांच कराएंगे।
-इमरती देवी, महिला बाल विकास मंत्री, मप्र