पुरानी रंजिश के चलते युवक को उतारा मौत के घाट, तीनों आरोपी गिरफ्तार

Gaurav Sharma
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बालाघाट, सुनील कोरे। कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत 27-28 की दरमियानी रात ढिमरटोला निवासी की सागौन वन में हत्या किये जाने के सनसनीखेज मामले में घटना के महज 7 घंटे ही हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया। पुरानी रंजिश पर लगभग 21 वर्षीय आशीष पिता सोमाजी वाहने की आरोपियों ने उस वक्त हत्या कर दी, जब वह बीती रात खाना खाने के बाद घर के सामने सड़क पर टहल रहा था। इस दौरान आशीष और आरोपियों के बीच पुरानी रंजिश को लेकर मामुली कहासुनी हुई। जिसके बाद आरोपियों ने मिलकर उसे अपने साथ जबरदस्ती सागौन वन की ओर लेकर गये और उसके पेट में चाकु से हमला कर दिया। जिसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई।

युवक आशीष की मौत पर पत्नी प्रज्ञा वाहने की रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपी गौरीशंकर निवासी 20 वर्षीय आदित्य उर्फ आदि पिता सोभराज दानी, 20 राजा पिता भुवन तेली और बुढ़ी निवासी 30 वर्षीय पवन पिता हरिभाऊ भंडारी के खिलाफ धारा 302, 34 भादवि एवं 3(2)5 एससी, एसटी एक्ट के तहत मामला कायम कर विवेचना में लिया। मामले की गंभीरता से लेते हुए वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में नगर पुलिस अधीक्षक कर्णिक श्रीवास्तव द्वारा आरोपियों को पकड़ने कोतवाली थाना प्रभारी मंशाराम रोमड़े, उपनिरीक्षक राजकुमार खटिक और उपनिरीक्षक संदीप चौरसिया के नेतृत्व में तीन टीमों का गठन कर आरोपियों की सरगर्मी से तलाश की गई और घटना के महज कुछ घंटे बाद ही सागौन वन में छिपकर बैठे आरोपियों को पकड़ने में कोतवाली पुलिस की टीम ने सफलता अर्जित की।

हत्या और आरोपियों से जुड़ी अपराधिक कार्रवाई का ब्यौरा देते हुए पुलिस कंट्रोल रूम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रतिपालसिंह महोबिया ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि आशीष से पूर्व रंजिश पर उक्त तीनों लोगों ने हत्या की है। जिनकी निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त किया गया चाकु और मोटरसाइकल को पुलिस ने बरामद कर थाने में दर्ज अपराधिक धाराओं के तहत आरोपी राजा तेली, आदित्य उर्फ आदि एवं पवन भंडारी को गिरफ्तार किया। बताया जाता है कि आरोपी पवन पर पूर्व में भी अपराधिक प्रकरण दर्ज है। वहीं घटना को लेकर मृतक की मां की मानें तो उसने गौरीशंकर निवासी एक अन्य शख्स पर भी बेटे की हत्या करवाने में संलिप्त होने का आरोप लगाया है। हालांकि पुलिस का कहना है कि इस मामले से उसका कोई सरोकार नहीं है। बीती रात जब आरोपियों को आशीष सड़क पर अकेले घूमते हुए मिला तो पूर्व रंजिश को लेकर आरोपियों का उससे विवाद हुआ, जिसके बाद आरोपियों ने मिलकर आशीष के पेट में चाकु मार दिया। जिससे उसकी मौत हो गई, पुलिस को अस्पताल में आशीष के मृत होने के बाद जानकारी का पता चला। हालांकि पुलिस का कहना है कि मामले की विवेचना के दौरान जो भी बिंदु सामने आयेंगे, सभी की जांच की जायेगी।

मामले को गंभीरता से लेते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार करने में वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में थाना प्रभारी मंशाराम रोमड़े, उपनिरीक्षक संदीप चौरसिया, राजकुमार खटिक, दीपक चौहान, प्रधान आरक्षक रामकिशोर राहंगडाले, आरक्षक शैलेष गौतम, गजेन्द्र माटे, यशवंत अगासे, दिनेश कुमरे, दारासिंह बघेल, रामकुमार रावेट और ईश्वरी मरावी का सराहनीय सहयोग रहा।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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