बालाघाट, सुनील कोरे। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बालाघाट (Balaghat District) में पुलिस ने बड़ी सफलता प्राप्त की है। यहां पुलिस ने 8 लोगों को गिरफ्तार किया है।आरोपितों में छह बालाघाट और दो गोंदिया जिले के निवासी हैं। इनके पास से 5 करोड़ से ज्यादा के नकली नोट मिले हैं। इनमें 10 से लेकर 2 हजार रुपए के नोट हैं। यह गिरोह बालाघाट और महाराष्ट्र के गोंदिया में नकली नोट चला रहा था। पकड़े गए आरोपियों में 6 बालाघाट और 2 महाराष्ट्र के गोंदिया के हैं।इसके साथ ही पुलिस को तीन-चार और संदेहियों की जानकारी मिली है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में जांच की जा रही है।
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बालाघाट पुलिस अधीक्षक (Balaghat SP) अभिषेक तिवारी ने बताया कि दो दिनों की सघन विवेचना के दौरान पुलिस ने बालाघाट जिले और पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र (Maharashta)mके गोंदिया जिले के दो लोगों के पास से 5 करोड़ रूपये के नकली नोट बरामद किये है। नकली नोटों को बैहर क्षेत्र में खपाने की जानकारी मिलने के बाद एसडीओपी बैहर, बैहर थाना पुलिस और मुखबिर की सूचना में रात में छापेमारी कर पुलिस ने कुछ लोगों को पकड़ा। जिनके पास से पुलिस ने 8 लाख रूपये से ज्यादा के नकली नोट बरामद किये थे। जिसके बाद जब आरोपियों से पूछताछ की गई तो गोंदिया से नकली नोट आरोपियों तक पहुंचाने की जानकारी मिली।
बालाघाट पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने बताया कि इसके बाद गोंदिया पुलिस की मदद से जिले के दो लोगों के पास से करोड़ो रूपये के नकली नोट मिले। अब पुलिस पकड़ाये गये आरोपियों के पास आये नकली नोटों के लिंक की जानकारी जुटाने में लगी है, चूंकि अब तक नोटों के छापने और नकली नोटो के सरगना को लेकर पुलिस के पास कोई जानकारी नहीं है। पुलिस अब इनके अन्य राज्यों से जुड़े कनेक्शन का पता लगाने में जुटी है। साथ ही पुलिस नकली नोटों के विदेशी कनेक्शन को भी जांच के बिंदु में शामिल कर मामले की विवेचना कर रही है।
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बालाघाट एसपी तिवारी ने बताया कि इसमें 2 हजार से लेकर 500-200-100 और 50 लेकर 10 रूपये तक के नोट है, जिसके बारे में बताया जाता है कि बड़े ही शातिराना तरीके से इसे छापा गया है, आसानी से इन नकली नोटों को पहचाना मुश्किल है, चूंकि जिस पेपर का उपयोग नकली नोट बनाने में किया गया है। वह पेपर उच्च क्वालिटी का है, खास बात यह है कि इसमें नोटो की प्रिटिंग और शब्दो की जगह रूपये अंको से लिखे है। जिससे यह नोट नकली जान पड़ते है। नकली नोट मामले में यह बालाघाट पुलिस की बड़ी उपलब्धि है, जिसका पुलिस ने रविवार 27 जून को आयोजित प्रेसवार्ता में पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने खुलासा किया। इस दौरान एडीएसपी गौतम सोलंकी भी मौजूद थे।
इन आरोपियों को किया गया गिरफ्तार
जिले के बैहर पुलिस अनुविभाग के बैहर थाना में दर्ज 5 करोड़ के नकली नोट मामले में पुलिस ने अपराध क्रमांक 168/21 में धारा धारा 489क, ख, ग, घ, ड एवं 34 के तहत किरनापुर थाना अंतर्गत सेवती निवासी 25 वर्षीय राहुल पिता घनश्याम मेश्राम, रमगढ़ी निवासी 38 वर्षीय अनंतराम पिता जंगली पांचे, बिनोरा निवासी 33 वर्षीय हरिराम पिता रामेश्वर पांचे, रमगढ़ी निवासी 30 वर्षीय सोहनलाल पिता भजनलाल बिसेन, सेवती निवासी 30 वर्षीय हेमंत पिता आत्माराम उके, रूपझर थाना के उकवा चौकी अंतर्गत सोनपुरी निवासी 40 वर्षीय नान्हूलाल पिता किशनलाल विश्वकर्मा और महाराष्ट्र के गोंदिया जिला के दुगीपाट थाना अंतर्गत कनेरी निवासी 30 वर्षीय मुकरू उर्फ मुकेश पिता वकटु तवाड़े और गोरेगांव थाना अंतर्गत घुमर्रा निवासी 40 वर्षीय रामू उर्फ रामेश्वर पिता रंगलाल मौजे को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
अर्थव्यवस्था को ध्वस्त करना थी मंशा
नकली नोट मामले में पुलिस (Balaghat Police) की अब तक जांच में यह सामने आया है कि नकली नोट खपाने वाले यह आरोपी लोगों को बेवकूप बनाकर और उनसे छल कर अर्थव्यवस्था को ध्वस्त करना चाहते थे। जो पूरी योजनाबद्व तरीके से ऐसे क्षेत्र में नकली नोटों का चलाने का प्रयास कर रहे थे, जहां असली और नकली नोटों को लेकर लोगो में ज्यादा जागरूकता नहीं है। आशंका यह भी है कि कई नकली नोटो को आरोपियों ने चला भी दिया होगा। हालांकि इसकी कोई जानकारी पुलिस के पास नहीं है।
नोटों के पेपर की गुणवत्ता ने मामले में बढ़ाई दिलचस्पी
पुलिस की मानें तो आदिवासी क्षेत्र में भोले-भाले ग्रामीणों के बीच नकली नोट खपाने और कथित झड़ती के अंधविश्वास में नोट दुगुने और असली हो जाने का भ्रम दिखाकर नकली नोट खपाने वाले गिरोह के पास से मिले नकली नोटों के पेपर की गुणवत्ता काफी अच्छी बताई जा रही है। जो पेपर सामान्यतः आसानी से उपलब्ध नहीं होता है, जिसको लेकर पुलिस मामले को दिलचस्पी से लेकर जांच के दायरे को बढ़ाकर इसका पता करने में जुटी है।
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पुलिस की मानें तो नकली नोटों के मामले में एक बड़ी चेन हाथ लगी है। चूंकि अब तक पुलिस को नोट छापने और आने के लिंक की कोई जानकारी नहीं मिली है, जिससे पुलिस मामले में आरोपियों को रिमांड पर लेकर और पूछताछ करने में जुटी है ताकि इसके सरगना के साथ ही छपाई तक पुलिस पहुंच सके।
पूरे मामले को जोड़कर पुलिस कर रही जांच
इस मामले में पुलिस नकली नोट की बड़ी बरामदगी के बाद मामले को गंभीरता से लेकर इसकी जांच में जुट गई है। पुलिस अधीक्षक की मानें तो नेट में सर्च के दौरान 2018 में प्रदेश सहित अन्य प्रदेशो में नकली नोट के सामने आये मामले और जिले में नकली नोट के पकड़ाये गये मामले को आपस में जोड़कर भी मामले की जांच की जा रही है।
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इस पूरे मामले की तह तक पहुंचा जा सके। हालांकि अब तक किसी भी नकली नोट के पूर्व के मामले से इनका कोई लिंक सामने नहीं आया है, लेकिन 5 करोड़ की बड़ी राशि के साथ पकड़ाये गये अंतर्राज्यीय गिरोह से पुलिस नकली नोट के बड़े कारोबार तक पहुंचने का मन बना चुकी है, ताकि अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाले ऐसे लोगों को बेनकाब किया जा सकें।