कुएं में मिले मां- बेटे के शव, हत्या या आत्महत्या, जांच में जुटी पुलिस

Atul Saxena
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बालाघाट, सुनील कोरे। तिरोड़ी थाना अंतर्गत ग्राम दिग्धा के एक खेत के कुएं में मां-बेटे का शव मिलने से सनसनी मच गई। घटना की जानकारी के बाद तिरोड़ी पुलिस ने देरशाम ही कुएं से शव को बाहर निकाला और उसे पीएम के लिए अस्पताल भिजवाया। मां-बेटे की हत्या कर शव कुएं डाला गया है या फिर दोनों ने कुएं में कूदकर आत्महत्या की है, यह तो पुलिस जांच के बाद ही सामने आयेगा, लेकिन मृतका के भाई भरतलाल ने अपने जीजा सुरेन्द्र नागरे पर बहन शांतकला और भांजे चकोर की हत्या करने का आरोप लगाया है।

जानकारी अनुसार वर्ष 2015 में कोसुंबा निवासी शांतकला का विवाह दिग्धा निवासी सुरेन्द्र नागरे के साथ हुआ था। जिनके दो बच्चे 6 वर्षीय चकोर और 3 वर्षीय चहक था। बताया जाता है कि सुरेन्द्र नागरे मजदूरी का काम करता था। हालांकि उसके ससुरालवालों का कहना है कि सुरेन्द्र नागरे जुआ और शराब का आदि था।

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पति सुरेन्द्र की मानें तो वह सुबह लगभग 10:30 बजे तालाब की ओर चला गया था। शाम को जब वह घर लौटा तो उसके छोटे बेटे ने बताया कि मां और भाई कुएं में कूद गये हैं।  उसने घटना की जानकारी पुलिस को दी। जबकि भाई भरतलाल ने बताया कि वह नागपुर में काम करता है, जहां उसे उसके जीजा का फोन आया कि बहन और भांजा नहीं मिल रहे हैं, जिसके बाद उसे पता चला कि बहन और भांजे का शव कुएं में मिला है। मृतका के भाई भरतलाल ने अपने जीजा सुरेन्द्र नागरे पर बहन और भांजे की हत्या का आरोप लगाया है।

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फिलहाल पुलिस ने 28 वर्षीय शांतकला पति सुरेन्द्र नागरे और 6 वर्षीय चकोर पिता सुरेन्द्र नागरे का शव बरामद कर पंचनामा कार्यवाही के बाद शव का पीएम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया है। मामला हत्या का है या महिला ने बेटे के साथ कुएं  में कूदकर आत्महत्या की है, यह पीएम रिपोर्ट और पुलिस जांच के बाद ही सामने आयेगा। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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