शिक्षा हासिल करने दांव पर जिंदगी, भरे नाले से पार करने मजबूर छात्र-छात्रायें

Amit Sengar
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बालाघाट,सुनील कोरे। यह जिले के अंतिम छोर के विद्यार्थियों का हौंसला है कि शिक्षा (education) हासिल करने जिंदगी दांव पर लगाने तैयार है और विडंबना यह है कि अंतिम छोर के व्यक्ति का कल्याण ही जनसेवा बताने वाली सरकार के जनप्रतिनिधि, मूकदर्शक बने है।

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”