बालाघाट, सुनील कोरे। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बालाघाट जिले (Balaghat District) में लोकायुक्त पुलिस (Jabalpur Lokayukt Police) ने बड़ी कार्रवाई की है। यहां लोकायुक्त टीम ने एक पटवारी को 10 हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। आरोप है कि पटवारी ने फौती व नामातंरण के लिए रिश्वत मांगी थी। यह कार्रवाई जबलपुर लोकायुक्त पुलिस ने की है।लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी पटवारी के खिलाफ मामला दर्ज कर मुचालके पर छोड़ दिया है।
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मिली जानकारी के अनुसार, जबलपुर निवासी प्राथी अभय मेश्राम की बालाघाट के गायखुरी में जमीन की फौती कटवाने व जमीन नामातंरण के लिए बालाघाट तहसील कार्यालय में पदस्थ पटवारी (Patwari) शैलेंद्र हरिनखेड़े के पास आवेदन दिया था। इस कार्य को करने के लिए शैलेंद्र ने 20 हजार रुपये की रिश्वत (Balaghat Bribe) की मांग की थी, जिसके बाद प्राथी ने लोकायुक्त जबलपुर पुलिस को इसकी शिकायत की थी।
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जबलपुर पुलिस ने शिकायत की जांच की और फिर प्राथी अभय को रिश्वत के किश्त के 10 हजार रुपए लेकर बालाघाट तहसील कार्यालय में पटवारी के पास भेजा। जैसे ही पटवारी ने रिश्वत के पैसे के लिए हाथ बढ़ाए वैसे ही लोकायुक्त ने रंगेहाथों दबोच लिया।लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज कर मामले की विवेचना शुरु कर दी है।वही भवन की तलाशी लेने के बाद आय से अधिक संपति की जांच की जाएगी और आय से अधिक संपति मिलने पर पटवारी के लिए आगे की कार्रवाई की जाएगी।
लोकायुक्त पुलिस निरीक्षक स्वप्निल दास ने बताया कि जबलपुर निवासी अभय मेश्राम द्वारा 13 जुलाई को लोकायुक्त एसपी महोदय को एक शिकायत की गई थी। जिसमें शिकायतकर्ता अभय मेश्राम ने बताया था कि माता-पिता के निधन के बाद बालाघाट के मुख्यालय से लगे गायखुरी में उसकी जमीन की फौती और नामांतरण कराने के नाम पर शैलेन्द्र हरिनखेड़े द्वारा 20 हजार रूपये रिश्वत की मांग की गई है। जिसके बाद मामले की जांच में यह बात सत्य पाये जाने पर पुलिस अधीक्षक महोदय के निर्देश पर गठित टीम द्वारा 28 जुलाई को, शिकायतकर्ता को तहसील कार्यालय में पटवारी के पास रिश्वत की 10 हजार रूपये की रकम के साथ भिजवाया गया।
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इस नोट पर पहले से ही लोकायुक्त पुलिस ने कलर लगा दिया था। जैसे ही तहसील कार्यालय में पटवारी कक्ष में शिकायतकर्ता जबलपुर निवासी अभय मेश्राम ने शैलेन्द्र हरिनखेड़े को रिश्वत की पहली किश्त दी, वैसे ही रिश्वत की रकम के साथ पटवारी को लोकायुक्त पुलिस ने रंगेहाथ गिरफ्तार किया। जिसके खिलाफ जीरो में कायमी की गई है। बताया जाता है कि लोकायुक्त टीम ने रिश्वत लेते पकड़ाये शैलेंद्र के घर की भी तलाशी ली, हालांकि यहां से आय से अधिक संपत्ति का कोई जानकारी नहीं मिली है। बहरहाल लोकायुक्त पुलिस ने कार्यवाही कर मुचलके पर शैलेंद्र को जमानत दे दी है।
आगे भी कस सकता है शिकंजा
इस मामले में लोकायुक्त पुलिस आगे और अब शिकंजा कस सकती है, इससे सीधे जुड़े लोग भी जांच के दायरे में आ सकते है।हालांकि पटवारी शैलेन्द्र हरिनखेड़े ने रिश्वत मांगने की बात को झुठलाया है, अब लोकायुक्त पुलिस यह पता करने का प्रयास कर रही है कि आखिर किसके कहने पर रिश्वत मांगी थी? चूंकि फौती और नामांतरण का मामला तहसील न्यायालय से जुड़ा है और ऐसी चर्चा है कि वहां बिना चढ़ोत्तरी दिये कोई काम नहीं होता है, तो क्या तहसील कार्यालय में काम करवाने, किसी और के लिए रिश्वत मांगी थी, क्योंकि शैलेन्द्र को जानने वाले यह मानते है कि शैलेन्द्र, इतनी बड़ी रिश्वत की रकम नहीं मांग सकता है।
ये रहे शामिल
पटवारी शैलेन्द्र हरिनखेड़े को 10 हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार करने में लोकायुक्त एसपी के मार्गदर्शन और निर्देशन में निरीक्षक अश्विनी दास, निरीक्षक घनश्याम मर्सकोले, राजेश ओहरिया, आरक्षक अतुल श्रीवास्तव, जुबेद खान, विजय विष्ट और वाहन चालक राकेश विश्वकर्मा की सराहनीय भूमिका रही।
इनका कहना है
जबलपुर निवासी अभय मेश्राम ने गत 13 जुलाई को लोकायुक्त एसपी महोदय को बालाघाट के गायखुरी स्थित जमीन के फौती और नामांतरण को लेकर पटवारी द्वारा 20 हजार रूपये रिश्वत मांगे जाने की शिकायत की थी। जिसके बाद एसपी महोदय द्वारा टीम गठित की गई। जिस टीम द्वारा आज बालाघाट तहसील कार्यालय में शिकायतकर्ता को शैलेंद्र द्वारा रिश्वत की पहली किश्त 10 हजार रूपये लेकर बुलवाया गया था। जैसे ही शिकायकर्ता ने रकम शैलेंद्र को दी, लोकायुक्त टीम ने दबिश देकर शैलेंद्र को रिश्वत की रकम के साथ पकड़ा है। मामले में जीरो पर कायमी की गई है। मामले की विवेचना की जा रही है।
अश्विनी दास, निरीक्षक, जबलपुर लोकायुक्त