राइस मिलर्स ने किया अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान, शासन की कार्रवाई पर जताई नाराजगी

बालाघाट, सुनील कोरे। जिले के राइस मिलर्स द्वारा मिलिंग अनुबंध के तहत दिये गये चांवल को केन्द्रीय जांच टीम द्वारा अमानक बताये जाने के मामले के सुर्खियों में आने के बाद शासन प्रशासन स्तर पर राइस मिलर्स के खिलाफ कार्यवाही प्रारंभ हो गई है, जिसे लेकर राइस मिलर्स एशोसिएशन ने गहरी नाराजगी जाहिर की है।

शनिवार को बालाघाट राइस मिलर्स एशोसिएशन के नवगठन के बाद अमानक चावल के नाम से शासन प्रशासन द्वारा की जा रही कार्यवाही को लेकर नवनियुक्त अध्यक्ष जितेन्द्र मोनु भगत के नेतृत्व में मिलर्स ने अपना पक्ष रखते हुए राइस मिलर्स के खिलाफ की जा रही एफआईआर की कार्यवाही को मिलिंग नियमों के विपरित बताते हुए कोर्ट जाने की बात कही। नवनियुक्त अध्यक्ष जितेन्द्र मोनु भगत ने बताया कि वर्ष 2019-20 में जो धान शासन, प्रशासन द्वारा मिलिंग के लिए मिलर्स को प्रदाय किया गया था, उसकी क्वालिटी खराब थी। बावजूद इसके मिलर्स ने कोरोना काल जैसी महामारी में गरीबों को प्रदाय किये जाने वाले चावल की आवश्यकता को देखकर विपरित परिस्थिति में भी धान की मिलिंग की और शासन को चावल प्रदाय किया। इसके एनालिसिस रिपोर्ट और क्वालिटी रिपोर्ट मिलने के बाद ही शासन द्वारा उसे मिलर्स से लिया गया। जिसके कुछ समय बाद केन्द्रीय जांच दल ने गोपनीय तरीके से गोदामों से लिये गये चावल को अमानक बता दिया। जो कहीं से भी विश्वसनीय प्रतित नहीं होता है।

केन्द्रीय जांच टीम की रिपोर्ट के बाद जिस तरह से अमानक चावल को लेकर हो-हल्ला मचाकर शासन प्रशासन का सहयोग करने वाले राइस मिलर्स को चोर बताने का काम किया जा रहा है, उससे राइस मिलर्स की प्रतिष्ठा को भी इससे आंच पहुंची है, जिससे मिलर्स साथियों में निराशा है। मोनु भगत ने कहा कि वह अमानक चावल के खिलाफ की जा रही कार्रवाई की प्रशंसा करते है लेकिन इसके लिए मिलर्स ही दोषी हो, ऐसा नहीं है। इसके लिए शासन प्रशासन स्तर पर मिलिंग के लिए तय की गई नीति का भी दोष है, जिसके कारण मिलर्स को कठिनाई उठाकर अपने व्यापार के लिए सरकार के पास करोड़ों रूपये की प्रतिभूति जमा कर यह काम करना पड़ रहा है ताकि उसका व्यवसाय चलता रहे। लेकिन एक रिपोर्ट पर अमानक चावल को लेकर पूरे मिलर्स के साथ दोषियों की तरह व्यवहार गलत है, जो गलत है और पूरे राईस मिलर्स इसकी निंदा करते है।

उन्होने मांग की कि प्रमुख सचिव के कहे अनुसार सिवनी के ओपन कैप में रखे धान की सरकार टेस्टिंग मीडिया के सामने करें और उसके आधार पर मिलिंग की नीति तय करें। जब तक सरकार मिलिंग की नई नीति तय नहीं करती है और मिलर्स के खिलाफ अनुबंध के विपरित हो रही कार्यवाही पर रोक नहीं लगाती है तब तक राईस मिलर्स मिलिंग नहीं करेंगे और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे। पत्रकारों के सामने अपना पक्ष रखने राइस मिलर्स द्वारा बुलाई गई प्रेसवार्ता में नवनियुक्त अध्यक्ष जितेन्द्र मोनु भगत के अलावा मिलर्स विजय सुराना, अनिल चतुरमोहता, राजु संचेती, राकेश भटेरे, राकेश अग्रवाल, राजाबाबु चौधरी सहित अन्य मिलर्स साथी उपस्थित थे।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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