अवैध शराब बेचने वालों पर गिरी गाज, ब्लू गैंग ने आबकारी विभाग के साथ मिलकर भारी मात्रा में की अवैध शराब नष्ट

Gaurav Sharma
Published on -

बैतूल, वाजिद खान। पुलिस विभाग में महिला पुलिस ने ब्लू गैंग के नाम से अपनी एक अलग पहचान बनाई है, जिसमें देखा गया कि किस तरह ब्लू गैंग ने अलग-अलग अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया है। शराब की जगह शरबत पिलाकर भट्टियों  को नष्ट कर पूजा का स्थान बनाना ऐसे ही सुर्खियों में आई ब्लू गैंग ने आज आबकारी विभाग नगर रक्षा समिति होमगार्ड सैनिकों के साथ मिलकर भारी संख्या में अवैध शराब बनाने वालों के अलग-अलग ग्रामों में ठिकानों पर छापामार कार्रावाई की है।

अवैध शराब बेचने वालों पर गिरी गाज, ब्लू गैंग ने आबकारी विभाग के साथ मिलकर भारी मात्रा में की अवैध शराब नष्ट

कार्रवाई में उन्हें खेतों के पीछे छिपा कर रखा गया बड़ी मात्रा में क्विंटलों से महुआ लायन को ढूंढ कर नष्ट किया गया और अवैध शराब बनाने वाली भट्टियों को भी नष्ट किया गया। साथ ही अवैध शराब बनाने वालों के खिलाफ आबकारी विभाग द्वारा कार्रवाई की गई। इस कार्रवाई में समस्त विभागों को मिलाकर लगभग 70 सदस्यों ने हिस्सा  लिया था। यह ब्लू गैंग की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है, जिसमें मरामझिरी, हर्राढाना,चिखलार ग्रामों में पहुंचकर अवैध शराब बनाने वाले लोगों पर कार्रवाई की गई। साथ ही शराब से होने वाली हानियों के बारे में बताया गया और उन्हें इसका सेवन नहीं करने को लेकर समझाइश दी गई।

अवैध शराब बेचने वालों पर गिरी गाज, ब्लू गैंग ने आबकारी विभाग के साथ मिलकर भारी मात्रा में की अवैध शराब नष्ट


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

Other Latest News