बैतूल में स्टॉप डैम पर नहाने के दौरान चार बच्चे डूबे, शव मिले

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बैतूल, वाजिद खान। बैतूल में स्टॉप डैम पर नहाने गए चार बच्चे डूब गए। यह बच्चें घर में बिना बताये स्टॉप डैम की तरफ़ गए थे, बताया जा रहा है की डूबने वाले इन सभी बच्चों की उम्र 12 से 14 साल है और एक दूसरें को बचाने के चक्कर में यह सभी गहरे पानी में चले गए और डूब गए।

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बताया जा रहा है कि नीमपानी पंचायत के आमगोहना में दो लड़की और दो लड़के डूबे हैं। शाहपुर पुलिस मौके पर मौजूद है, बच्चों को गहरे पानी में तलाशने गोताखोरों को उतारा गया है, स्टॉप डैम के किनारे पड़ी चप्पल और कपड़े नजर आए जिसके बाद ग्रामीणों ने अचानक चीखने चिल्लाने की आवाज सुनी लेकिन जब तक ग्रामीण इन बच्चों की मदद के लिए पहुंचते बच्चे गहरे पानी में समां गए, बैतूल में गुरुवार को हुए बड़े हादसे में चार बच्चों की स्टॉप डैम में डूबने से मौत हो गई । घटना से पूरे इलाके में मातम छाया है । बैतूल के शाहपुर थाना इलाके के आमागोहान गांव में चेक डैम में नहाने गए दो सगे भाई और रिश्ते की दो बहिनों के गहरे पानी मे जाने से डूब गए और उनकी मौत हो गई । चारो की लाश रेस्क्यू करके निकाली गई।

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बताया जा रहा है कि बैतूल के पाढर अस्पताल में अटेंडर के पद पर कार्य करने वाले प्रदीप धौलपुरे के दो बेटे 16 साल के निखिल और 15 साल के प्रतीक अपनी मौसी की बेटी 12 साल की आयशा और मामा की बेटी 16 साल की कशिश सहित दो और बच्चियां गुरुवार की दोपहर घूमने गए थे । इसी दौरान पाढर के पास आमागोहान गांव के पास स्थित चेक डैम में चार निखिल ,प्रतीक ,आयसा और कशिश चेक डैम नहाने के लिए छलांग लगा कर कूंद गए । जब थोड़ी देर तक पानी से बाहर नही आये तो उनके साथ आई दोनों बच्चियां दौड़ कर घर आई और उन्होंने बताया कि चारो डूब गए है ।इसकी सूचना मिलते ही शाहपुर एसडीओपी महेंद्रसिंह मीणा पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। वहीं होमगार्ड को भी सूचना दी गई। थोड़ी ही देर में पहुंचे होमगार्ड के रेस्क्यू दल ने बचाव व राहत कार्य शुरू किया। करीब 2 घंटों की मशक्कत के बाद चारों शवों को डैम से निकाला गया। घटना की जानकारी मिलने पर एसपी सिमाला प्रसाद भी मौके पर पहुंची । एक साथ चार मौसेरे भाई-बहनों की मौत होने से पूरे पाढर क्षेत्र का माहौल गमगीन हो गया है। एकबारगी तो किसी को भी इस घटना पर यकीन नहीं हो रहा है। कुछ घंटों पहले तक जिन लोगों ने चारों भाई-बहनों को हंसी-खुशी घूमते हुए और बतियाते देखा था, उन्हें भरोसा ही नहीं हो रहा है कि यह चारों अब इस दुनिया में ही नहीं रहे।

 


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Harpreet Kaur

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