108 फोन करने के बाद भी नहीं आई एम्बुलेंस, बीमार पिता को ठेले पर रखकर अस्पताल ले गया बेटा

Amit Sengar
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भिंड,सचिन शर्मा। ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं के दुरुस्त होने का प्रदेश सरकार भले ही लाख दावे करें पर सच्चाई कुछ और ही है, ऐसा ही मामला मध्यप्रदेश के भिंड (bhind news) जिले की दबोह कस्वे की ग्राम मारपुरा का है जहाँ बेटा अपने बीमार पिता को चार पहिया ठेले पर रखकर ठेले को 6 किलोमीटर तक धकेल कर दबोह अस्पताल लेकर पहुंचा।

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आपको बता दें कि ग्राम मारपुरा में एक बृद्ध की अचानक तबियत बिगड़ गई, तभी बीमार पिता का इलाज कराने के लिए कई बार 108 एंबुलेंस को फोन लगाने के बाद भी सरकारी सहायता नहीं मिलने पर बेटा काफी परेशान हो गया। आखिरकार परेशान बेटा अपने बीमार पिता को चार पहिया ठेले पर रखकर ठेले को 6 किलोमीटर तक धकेल कर दबोह अस्पताल पहुंचा। तब कहीं जाकर उसके बीमार पिता का इलाज हो सका। गनीमत की बात यह रही कि रास्ते में उसके पिता की और ज्यादा तबीयत खराब नहीं हुई अन्यथा कुछ भी अनर्थ हो सकता था।

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गौरतलब है कि रास्ते में बीमार पिता को चार पहिए के ठेले पर ले जाते समय किसी ने इसका वीडियो बना लिया और उससे बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इस वीडियो में पीड़ित बता रहा है कि हम बहुत गरीव है हमारे पास फोन नही है पड़ोसी के फोन से डायल 108 पर फोन किया गया परन्तु फोन रिसीव नही हुआ इसलिए मजबूरन हमें उपचार के लिए अस्पताल ठेले पर लिटाकर पिता को ले जाना पड़ा है। जबकि दमोह उप स्वास्थ्य केंद्र पर एक एंबुलेंस और एक जननी एक्सप्रेस 24 घंटे उपलब्ध रहती है, फिर भी लोगों को उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

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लहार बीएमओ धर्मेंद्र श्रीवास्तव से एमपी ब्रेकिंग के रिपोर्टर ने बात की तो उन्होंने बताया की आपके द्वारा ही मुझे इस बात की जानकारी मिल रही हैं यह बहुत ही शर्मशार करने वाली घटना है। उन्होंने बताया की इस पर कारवाई होगी और जो भी इस के लिए जिम्मेदार हैं उनके खिलाफ कारवाई करवाऊंगा अपने विभाग के बड़े अधिकारी को इस बात से अवगत करवाऊंगा।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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