भिंड, डेस्क रिपोर्ट। भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य डॉ रमेश दुबे (Dr. Ramesh Dubey) ने केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) से दिल्ली उनके आधिकारिक कार्यालय में पहुंचकर मुलाकात की और भिंड के रेल यातायात को और बेहतर करने के लिए एक पत्र सौंपा।
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डॉ रमेश दुबे ने केंद्रीय मंत्री को पत्र सौंपकर कहा कि कैलाशवासी बड़े महाराज साहब के द्वारा भिंड को ब्रॉडगेज रेलवे लाइन की सौगात दी गयी थी। लेकिन तब से लेकर अब तक इस लाइन पर अन्य कोई विकास कार्य दिखाई नहीं दिया। चुनिंदा छोटी दूरी की डीजल रेलगाड़ियों को ही संचालित किया जाता रहा है। अब उस रेलवे लाइन का विद्युतीकरण किया जा चुका है, ऐसे में नई रेलगाड़ियां जो पूर्व से प्रस्तावित हैं, उन्हें जल्द से जल्द वाया भिंड-इटावा होकर चलाया जाए। उन्होने कहा कि कोरोना काल में बंद की गई ग्वालियर भिंड पैसेंजर एवं इटावा कोटा एक्सप्रेस को फिर से शुरू किया जाए।
बीजेपी नेता ने कहा कि मांग की कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर 2014 में सुशासन एक्सप्रेस वाया भिंड इटावा बलरामपुर तक चालाया जाना प्रस्तावित था, लेकिन सीएसआर ने एनओसी न मिलने की वजह से वो ट्रेन वाया निजामुद्दीन शुरू कर दी। उसकी दूरी तकरीबन 465 किमी अधिक है और 8 घण्टे अधिक लगते हैं। इस ट्रेन को वाया भिंड इटावा होकर चलाने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड में विचाराधीन है, इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। सुशासन एक्सप्रेस को भिंड होकर चलाया जाए तो ये अटल बिहारी वाजपेयी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
डॉ दुबे ने इस पत्र में कहा है कि ओखा-गोरखपुर एक्सप्रेस व सूरत-मुजफ्फरपुर एक्सप्रेस जो गुना बीना झांसी ग्वालियर आगरा होते हुए इटावा पहुंचती हैं, इन दोनों ट्रेनों का भी वाया भिंड इटावा होकर चलाया जाना प्रस्तावित है और रेलवे बोर्ड में ये प्रस्ताव अटका हुआ है। इन ट्रेनों के भिंड इटावा लाइन होकर गुजरने से रेलवे को राजस्व की बचत होगी और जनता को सहुलियत होगी। साबरमती एक्सप्रेस को भी वाया भिंड इटावा चलाया जाना प्रस्तावित है, इसका प्रपोजल भी रेलवे बोर्ड में ही विचाराधीन है। ग्वालियर बरौनी मेल वाया झांसी होकर कानपुर पहुंचती है, इस ट्रेन का भी रुट डायवर्ट कर भिंड होकर चलाया जाए, इसका प्रपोजल भी रेलवे बोर्ड भेजा जा चुका है जो अब तक लंबित है। रमेश दुबे ने केंद्रीय मंत्री सिंधिया से कहा कि आज़ादी के इतने वर्षों बाद भी भिंड आज भी वहीं का वहीं है और पूरे देश से कटा हुआ है। यहां के जवान देश की सेनाओं में देश के हर कोने में अपनी सेवाएं दे रहे हैं लेकिन रेलवे यातायात से कटे होने की वजह से उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसलिए भिंड को रेलवे यातायात के माध्यम से दिल्ली, जम्मू, मुम्बई, पुणे, वाराणसी, प्रयागराज, कलकत्ता, आसाम, अहमदाबाद,सूरत सहित देश के अन्य क्षेत्रों से जोड़ा जाए।
डॉ रमेश दुबे के आग्रह पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सहमति जताते हुए केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर इन की मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कहा है और नई रेलगाड़ियों को वाया भिंड इटावा चलाये जाने के लिए पत्र लिखा है।