भिण्ड, गणेश भारद्वाज। कोरोना काल (Corona Crisis) में बंद पड़े स्कूल (School) को शराब माफिया (Liqueur Mafia) ने अवैध देशी शराब की फैक्ट्री के रूप में तब्दील कर दिया था। हालांकि पुलिस अधीक्षक (Bhind SP) मनोज कुमार सिंह के निर्देशन में चलाए जा रहे अवैध शराब विरोधी अभियान के अंतर्गत गोरमी पुलिस ने बड़ी कार्यवाही करते हुए बंद शासकीय मिडिल स्कूल (Government school) से शराब बनाने का भारी मात्रा में सामग्री जप्त कर ली है।
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गोरमी थाना क्षेत्र के गढ़ी के मिडिल स्कूल से देशी शराब बनाने का सामान मिला है जिसमे स्कूल के कक्ष क्रमांक एक से 50 लीटर ओपी, 100 लीटर देसी मसाला शराब तथा 115 क्वार्टर देसी मसाला और स्कूल के पास रखी करब से 3100 क्वार्टर का खाली बारदाना जप्त किया गया है। यह अवैध शराब बनाने का कारोबार गांव के गोविंद सिंह भदौरिया, करू सिंह भदौरिया व रवि सिंह भदौरिया लंबे समय से कर रहे थे। गोरमी पुलिस (Police) ने तीनों आरोपियों पर अवैध शराब एक्ट की धारा 34/2 के तहत मामला दर्ज कर तीनों की तलाश की शुरू कर दी है।
जानकारी के मुताबिक, बीते रोज शाम पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह के निर्देश पर गोरमी थाना प्रभारी मनोज राजपूत दल बल के साथ गढ़ी गांव में पहुंचे जहां मुखबिर की निशानदेही पर शासकीय स्कूल के एक कमरे से अवैध शराब बनाने की सामग्री और पास में ही रखे पशुओं के चारे से बड़ी मात्रा में खाली बारदाना जप्त किया। राजपूत ने एमपी ब्रेकिंग न्यूज (MP Breaking News) को बताया कि सूचना हमें पहले से थी हमने पहले भी दबिश दी थी लेकिन कारखाना स्कूल में होने के कारण हम अवैध शराब नहीं पकड़ सके थे लेकिन इस बार हमें जब स्कूल की सूचना मिली तो हम भौचक्के रह गए।
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गांवों के बन्द स्कूल असमाजिक तत्वों के हवाले
कोरोना के समय में लंबे समय से सैकड़ों ग्रामीण स्कूल बंद (School Close) पड़े हैं जिसकी वजह से असामाजिक तत्वों ने इन स्कूलों में अपना डेरा डालना शुरू कर दिया है। किसी स्कूल में भूसा भरा हुआ है तो किसी स्कूल में पशु वाले जा रहे हैं और हद तो तब हो गई जब गोरमी थाना क्षेत्र के गढ़ी गांव में अवैध शराब माफिया ने स्कूल को ही शराब फैक्ट्री में तब्दील कर दिया। कोरोना काल में शिक्षकों (Teacher) को स्कूल पहुंचने के निर्देश शिक्षा विभाग के द्वारा जारी थे लेकिन या तो इस दौरान शिक्षक स्कूल पहुंचे नहीं और अगर पहुंचे तो इस बात की जांच होना चाहिए क्या यह कारोबार उनकी मिलीभगत से ही तो नहीं फल फूल रहा था।