Lok Sabha Election 2024 : कांग्रेस को भिंड से बड़ा झटका, दलित नेता देवाशीष जरारिया ने दिया इस्तीफा, पार्टी पर लगाये गंभीर आरोप

देवाशीष जरारिया ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना लिखा कि आप दलित, महिला, ओबीसी की हिस्सेदारी अपनी ही पार्टी में नहीं दे सकते तो देश की जनता अप पर कैसे विश्वास करेगी मैंने एक महीने इन्तजार किया लेकिन जहाँ मान सम्मान नहीं हो ऐसी जगह रहने का क्या मतलब इसलिए मैं कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा देता हूँ ।

Atul Saxena
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Devashish Jararia

Lok Sabha Election 2024 : मध्य प्रदेश के चंबल अंचल की भिंड सीट से कांग्रेस को आज एक बड़ा झटका लगा है, पार्टी के दलित नेता और पिछले लोकसभा प्रत्याशी देवाशीष जरारिया ने आज पार्टी की प्रत्मिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है, पार्टी अध्यक्ष को भेजे अपने इस्तीफे में देवाशीष ने पार्टी की रीति – नीति पर सवाल उठाये और राहुल गांधी के दलित, ओबीसी, आदिवासी महिलाओं की हिस्सेदारी की घोषणाओं की पोल खोल दी।

देवाशीष जरारिया में खड़गे को भेजा दो पेज का इस्तीफा 

देवाशीष जरारिया ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे इस्तीफे में अपने टिकट कटने से लेकर लंबे इन्तजार के बाद की पूरा घटनाक्रम लिखा है, उन्होंने कहा कि कल पार्टी प्रत्याशी ने नामांकन फॉर्म भरा, टिकट की घोषणा से लेकर कल नामांकन भरने तक एक बार भी मुझसे संपर्क नहीं किया, ना ही मुझे पार्टी ने किसी कार्यक्रम में बुलाया।

लगातार संघर्ष के बावजूद पार्टी प् राजनीतिक हत्या करने एक आरोप  

देवाशीष ने कहा कि पिछला लोकसभा चुनाव हारने के बाद लगातार पांच साल से संघर्ष कर रहा था मेरा टिकट काटा गया मुझसे कहा गया कि मुझे कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी लेकिन एक महीने में किसी बड़े नेता ने मुझसे बात नहीं की,  कुछ लोगों ने एक षड्यंत्र रचकर मेरी राजनीतिक हत्या की, मुझे समझ नहीं आ रहा कि मेरी गलती क्या है?

दलितों की बात करने वाली पार्टी ने मेरे ही हक़ पर डाका डाल दिया 

देवाशीष ने लिखा पार्टी दलितों , आदिवासियों, पिछड़ों के हक़ की बात करती है और मेरे ही हक़ पर डाका डाल दिया, कांग्रेस नेता ने लिखा कि कांग्रेस में दलित समाज इस्तेमाल कर फेंक देने के लिए है, महिलाओं की बात करें तो प्रदेश में केवल एक टिकट महिला को दिया, जातिगत जनगणना की बात करने वाली कांग्रेस ने 29 में से  केवल 5 टिकट ओबीसी को दिए।

जब आप अपनी ही पार्टी में हिस्सेदारी नहीं दे सकते तो देश कैसे भरोसा करेगा 

देवाशीष जरारिया ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना लिखा कि आप दलित, महिला, ओबीसी की हिस्सेदारी अपनी ही पार्टी में नहीं दे सकते तो देश की जनता अप पर कैसे विश्वास करेगी मैंने एक महीने इन्तजार किया लेकिन जहाँ मान सम्मान नहीं हो ऐसी जगह रहने का क्या मतलब इसलिए मैं कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा देता हूँ ।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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