भिंड,डेस्क रिपोर्ट। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के द्वारा केंद्रीय मंत्री सिंधिया को लेकर दिए गए बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य, चम्बल अंचल के भाजपा नेता डॉ रमेश दुबे ने जवाबी हमला किया है।
डॉ दुबे ने अपना बयान जारी करते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह का जो असली चेहरा है वो जनता के सामने अब स्पष्ट होता जा रहा है, अभी तक उनकी सूरत और सीरत का करिश्माई भृम जनता को भृमित करता रहा है लेकिन अब उनके अंतर्मन के कालेपन से सब साफ साफ नजर आने लगा है।
डॉ रमेश दुबे ने कहा कि श्रीमंत सिंधिया जी के परिवार पर उंगली उठाने वाले दिग्विजय सिंह की असलियत ये है कि हिंदुत्व और भारत देश का उनसे बड़ा गद्दार कोई नहीं है, उन्होंने जब जब भी मुंह खोला है सिवाय ज़हर के अलावा कुछ नहीं निकाला।
डॉ दुबे ने कहा कि दिग्विजय सिंह के मुंह से गद्दारी शब्द शोभा नहीं देता क्योंकि ये शब्द तो उनके सर पर पहले से ही मढ़ा हुआ है। जो व्यक्ति सनातन धर्म पर हमला करे, देश के करोड़ों करोड़ जनता की हिंदुत्व की भावनाओं से खिलवाड़ कर उन्हें आहत करे, समय समय पर उनकी पार्टी भगवान राम को ही काल्पनिक कहती रही और साथ मे उनकी पार्टी के ही नेता जो सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर के विरोध में केस लड़ते रहे, असल मायने में तो ये चांडाल चौकड़ी गद्दार है जिनके सरगना दिग्विजय सिंह हैं।
डॉ दुबे ने कहा कि दिग्विजय सिंह ने सदैव देश से गद्दारी की है, आतंकवादी अफ़ज़ल गुरु को अफजल जी कहकर संबोधित करना, मुम्बई हमला करने वाले कसाब की तरफदारी करना, ज़ाकिर नाइक को अपना भाई बताना, धारा 370 हटाये जाने पर कांग्रेस सरकार आने पर पुनः बहाल करवाने का बयान देना उनकी देश के प्रति गद्दारी के वो पुख़्ता प्रमाण हैं जिन्हें देश की जनता ने देखा है और समझा भी है।
डॉ दुबे ने कहा कि दिग्विजय सिंह खुद को मंझा हुआ नेता मानकर कांग्रेस का मास्टरमाइंड समझते हैं लेकिन हक़ीक़त ये है कि देश मे नफरत फैलाने वाले देश के गद्दारों के सरगना वही हैं, दिग्विजय सिंह जैसे लोगों की वजह से ही देश की आवोहवा में नफ़रत के बीज पनपते हैं जिन्हें खाद पानी यही दिग्विजय सिंह देते हैं,जनता तो पहले से ही जानती है कि देश और समाज से कौन गद्दारी कर रहा है।
डॉ दुबे ने चुटकी लेते हुए कहा कि श्रीमंत महाराज साहब ने दिग्विजय सिंह के घर राघोगढ़ में घुसकर उनकी पूंछ पर पैर क्या रखा उनकी वरिष्ठता पता नहीं कहां भाग गई, उनकी काली असलियत सामने आ गयी, उन्हें अपना अब तक अभेद्य किला ढहता नज़र आने लगा तो भड़ास के रूप में उन्होंने ये बयान दिए जो उनकी संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है,जनता इनकी असलियत से भलीभांति परिचित है और जल्द ही इनकी मध्यप्रदेश की राजनीति से विदाई तय है।
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Gaurav Sharma
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इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।