भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कॉलेज लाइफ (College Life) हर किसी के जीवन का खास फ़ज़े होती है। स्कूल के बाद कॉलेज जाने के लिए हर कोई उत्साहित होता है। पर एक चीज है जो कॉलेज लाइफ (College Life) में ग्रहण लगाने का काम करती है और वो है रैगिंग (Ragging) । रैगिंग (Ragging) के नाम से हर कोई डर जाता है। कॉलेजों में एंटी रैगिंग (Anti-Ragging) सेल भी बनाए जाते है पर फिर भी रैगिंग के मामले कम नहीं हो रहे है। वहीं साल 2013 में रैगिंग का शिकार हुई बीफर्मा (B.Pharma) की छात्रा अनीता शर्मा ने मौत को गले लगा लिया था। जिसपर सुनवाई करते हुए आरोपियों को आज सजा सुना दी गई है।
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अनीता को रैगिंग (Ragging) के नाम से प्रताड़ित करने वाले आरोपियों पर आज भोपाल कोर्ट (Bhopal Court) ने फैसला सुनाते हुए 4 आरोपियों को 5-5 साल की सजा सुनाई है। साथ ही उन पर 2-2 हजार का जुर्माना भी लगाया है। अनीता शर्मा रैगिंग केस की सुनवाई एडीशनल सेशन जज अमित रंजन द्वारा की गई। जिन्होंने आरोपियों पर सजा के साथ 2 हजार का जुर्माना लगाया है। वहीं केस में एक आरोपी के निर्दोष पाए जाने पर उसे बरी कर दिया गया है। जज ने देवासी शर्मा, कृति गौर, दीप्ति सोलंकी, निधि मगरे को आरोपी मानते हुए पांच साल की सजा सुनाई है।
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दरअसल साल 2013 में भोपाल के आरकेडीएफ कॉलेज (RKDF College) में पढ़ने वाली बीफार्मा (B.Pharma) की छात्रा अनीता शर्मा ने रैगिंग (Ragging) से परेशान होकर अत्महत्या (Suicide) कर ली थी। मृतिका द्वारा रैगिंग का दर्द फेसबुक पर बयां किया गया था। अनीता शर्मा ने अपना फेसबुक अकाउंट अलीना के नाम से बनाया था। अपने फेसबुक फ्रेंड से मृतिका अनीता द्वारा रैगिंग का दर्द साझा किया गया था। अनीता ने अपने दोस्त से चैट करते हुए कहा था कि ‘सीनियर्स से फालतू का पंगा लेने का कोई मतलब नहीं है। मैं तो अपने किसी जूनियर को तंग नहीं करूंगी।’