भोपाल| सरकार नौकरी के इन्तजार में बैठे युवाओं का इन्तजार बढ़ता ही जा रहा है| पिछले एक साल में कई भर्तियां लगातार अटकती जा रही है| पहले विधानसभा चुनाव और फिर लोकसभा चुनाव के चलते कई भारतियों पर ग्रहण लगा हुआ है| प्रदेश में पुलिस बल की भारी कमी है और नई भर्ती कर इस कमी को पूरा किया जाना है, लेकिन पिछले साल स्वीकृत सिपाही के 5750 पदों की भर्ती प्रक्रिया की शुरूआत ही नहीं हो सकी है। अलग अलग कारणों से यह भर्ती अटकी हुई हैं|
सरकार द्वारा व्यापमं को बंद करने की तैयारी है, ऐसे में भर्ती प्रक्रिया प्रभावित होगी। अभी यह भी तय नहीं हो सका है कि भर्ती व्यापमं कराएगा या पुलिस मुख्यालय द्वारा भर्ती प्रक्रिया की जाएगी। पुलिस मुख्यालय के प्रस्ताव पर राज्य शासन ने सितंबर में सिपाही के 5750 पदों को मंजूरी दी थी। इसके बाद विधानसभा चुनाव और बाद में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से सिपाही के 5750 और सब इंस्पेक्टर के करीब 160 पदों की प्रक्रिया अटक गई। फिलहाल इन भर्ती प्रक्रिया को लेकर पुलिस मुख्यालय या शासन स्तर पर भी कोई हलचल नहीं है। इसके अलावा इस साल के पदों की स्वीकृति के लिए पुलिस मुख्यालय ने क��ई प्रस्ताव तैयार नहीं किया है। इसको लेकर कोई हलचल भी नहीं है। अफसरों का कहना है कि सरकार के पास बजट नहीं है, ऐसे में नए पदों की मंजूरी का प्रस्ताव कैसे भेजा जा सकता है।
![-22](https://mpbreakingnews.in/wp-content/uploads/2020/01/090720191112_0_policebharti.jpg)
पुलिस बल की कमी, खाली पड़े 22 हजार पद
प्रदेश में कानून व्यवस्था में कसावट लाने के निर्देश दिए जा रहे हैं| लेकिन बल की कमी के चलते यह संभव नहीं हो पा रहा| वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ की घोषणा के बाद भी सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक को साप्ताहिक अवकाश नहीं मिल रहा है। अफसरों का तर्क है कि पहले ही बल की कमी है, ऐसे में साप्ताहिक अवकाश देने से काम प्रभावित होता है। वर्तमान में पुलिस के 22 हजार से ज्यादा पद खाली हैं। खाली पदों की पूर्ति हर साल भर्ती करके की जा रही है। ऐसे में भर्ती प्रक्रिया में देरी होने से खाली पदों की संख्या बढ़ती जा रही है। जबकि सरकार ने ऐलान किया था कि पुलिस में 14 हजार पदों पर भर्ती की जाएगी।